अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम : मानक 20 हजार कुर्सियों की लेकिन लगीं 13 हजार
जिन उम्मीदों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की नींव रखी गई और जल्द पूरा होने का दंभ भरा गया, वह अब तक अधूरा पड़ा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : जिन उम्मीदों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की नींव रखी गई और जल्द पूरा होने का दंभ भरा गया, वह अब तक अधूरा पड़ा है। ये हाल तब है जब मुख्य सचिव उत्पल सिंह के साथ ही खेलमंत्री ने भी निर्माण जल्द पूरा करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद स्टेडियम का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चलता रहा। स्थिति यह है कि दर्शक दीर्घा मे बैठने के लिए 20 हजार कुर्सियां होनी चाहिए, लेकिन 13 हजार ही लगाई जा सकी हैं। यह मानक कब पूरा होगा, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है।
ये काम हैं अधूरे
1.क्रिकेट पिच नहीं बन सकी
2.स्वीमिंग पूल निर्माण की अब तक नहीं पड़ सकी बुनियाद
3.टेनिस कोर्ट का सिर्फ खड़ा हो सका खाका
4.मैदान की भी अब तक चल रही फिनिशिंग
5.मेन गेट के साथ गैलरी का भी नहीं हो सका काम
6.हॉकी मैदान और एस्ट्रोटर्फ भी पड़ा अधूरा
7.फुटबाल ग्राउंड का भी अब तक नहीं हो सका काम
2014 से पड़ी थी बुनियाद
स्टेडियम निर्माण के लिए 2014 में बुनियाद रखी गई थी और 2017 तक इसे पूरा किया जाना था, जिसे बाद में 2018 कर दिया गया। निर्माणदायी संस्था नागार्जुन कंपनी इसको बनाने में जुटी है। अब मार्च 2019 तक काम पूरा होने के लिए कहा गया है। यह स्टेडियम 70 एकड़ में 235 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है।
अभी चल रहा है काम
प्रताप शाह, खेल निदेशक, देहरादून ने बताया कि अभी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का काम चल रहा है। मार्च 2019 तक काम पूरा करने के लिए कहा गया है। तब तक काम पूरा हो जाएगा और खेल विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
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