World Suicide Prevention Day 2023: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज, ये है थीम; जानें क्यों मनाया जाता यह दिन...
World Suicide Prevention Day जिस तरह की जीवनशैली हो चुकी है तनाव प्रतिस्पर्धा समेत तमाम ऐसी कठिन परिस्थितियां हैं जिनका सामना करने की ताकत भी कम होने लगी है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट पर गौर करें तो उत्तराखंड में एक वर्ष में 717 लोगों ने आत्महत्या की। इसमें 463 महिलाएं हैं और इसका सबसे बड़ा कारण पारिवारिक समस्या है।
[गणेश जोशी], हल्द्वानी: World Suicide Prevention Day: जिस तरह की जीवनशैली हो चुकी है, तनाव, प्रतिस्पर्धा समेत तमाम ऐसी कठिन परिस्थितियां हैं, जिनका सामना करने की ताकत भी कम होने लगी है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट पर गौर करें तो उत्तराखंड में एक वर्ष में 717 लोगों ने आत्महत्या की। इसमें 463 महिलाएं हैं और इसका सबसे बड़ा कारण पारिवारिक समस्या है।
ऐसे में मनोविज्ञानियों की सलाह है कि परिवार में सामंजस्य बनाकर ही खुशहाल जिंदगी जीना संभव है। इसके लिए जागरूकता की जरूरत है जिससे की सकारात्मक सोच के साथ संघर्ष करने की सामर्थ्य पैदा हो सके।
आर्थिक के साथ मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी
प्रो. पंत महिला महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रश्मि पंत का कहना है कि युवा वर्ग की महत्वाकांक्षा अपनी योग्यता व क्षमता से अधिक हो चुकी है। परिवार पर नियंत्रण नहीं है और न ही सामंजस्य रह गया है। तनाव सहने की क्षमता नहीं है। असफलता का डर और पारिवारिक समस्याएं व्यक्ति को पूरी तरह प्रभावित कर रही है, जिसकी वजह आत्महत्याएं हो रही हैं। प्रो. पंत कहती है, ऐसे में अवसाद को कम करने की जरूरत है।
मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 36 प्रतिशत लोग गंभीर अवसाद से ग्रस्त हैं इसलिए हमें सबसे पहले अवसाद को दूर करना होगा। आर्थिक संपन्नता के साथ ही मानसिक रूप से स्वस्थ होने पर जोर देना होगा। वहीं जिस तरह किशोरों में पढ़ाई के दबाव से आत्महत्या के मामले बढ़ गए हैं। इसे लेकर भी अभिभावकों से लेकर समाज को नए सिरे विचार करना होगा। बच्चों को शुरुआत से ही उसकी पसंद के करियर के साथ जीवन के झंझावतों को झेलने के लिए भी प्रेरित करते रहना होगा।
इस वर्ष की यह है थीम
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2023 (World Suicide Prevention Day 2023) की इस वर्ष की थीम है क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन। इसका मतलब है कार्रवाई माध्यम से आशा पैदा करना। इंटरनेशनल एसोसिएशन फार सुसाइड प्रिवेंशन (आइएएसपी) ने वर्ष 2003 में पहली बार 10 सितंबर के दिन विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने की शुरुआत की थी।
उत्तराखंड में आत्महत्या के कुछ प्रमुख कारक
पुरुष - महिला - कुल पारिवारिक
137 - 83 - 220
बीमारी - 1 - 4 - 5
कैंसर - 0 - 1 - 1
मानसिक समस्या - 0 - 2 - 2
नशे का लती - 2 - 0 - 2
सामाजिक प्रतिष्ठा - 7 - 2 - 9
प्यार में असफल - 10 - 16 - 26
गरीबी - 12 - 5 - 17
बेरोजगारी - 27 - 0 - 27
विवाहेत्तर संबंध - 7 - 10 - 17
करियर - 35 - 18 - 53
अज्ञात - 95 - 86 - 181