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बीसीसीआइ की मान्यता ने खोली युवाओं के लिए राह, इनका दिखा जलवा

राज्य स्थापना के 17 साल के इंतजार के बाद उत्तराखंड को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मान्यता मिलते ही तमाम नौजवानों को क्रिकेट में अपना भविष्य नजर आने लगा।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 14 Jan 2019 07:07 PM (IST)
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बीसीसीआइ की मान्यता ने खोली युवाओं के लिए राह, इनका दिखा जलवा
हल्द्वानी, जेएनएन : साल 2018 खेलों के दृष्टिकोण से खासा उपलब्धियों भरा रहा। राज्य स्थापना के 17 साल के इंतजार के बाद उत्तराखंड को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मान्यता मिलते ही तमाम नौजवानों को क्रिकेट में अपना भविष्य नजर आने लगा। मान्यता मिलने के पहले ही वर्ष में कई खिलाडिय़ों ने चौंकाने वाले प्रदर्शन से दिखा दिया कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में प्रतिभाएं बड़ी-बड़ी छिपी हुई हैं।
अलग-अलग क्रिकेट एसोसिएशन की अहम की लड़ाई के चलते राज्य स्थापना के 17 साल बाद भी उत्तराखंड मान्यता के लिए तरसता रहा। हालांकि इस दौरान पहाड़ से पलायन कर दूसरे महानगरों में पहुंच गई कुछ गिनी-चुनी प्रतिभाओं ने क्रिकेट की दुनिया में जरूर नाम किया, लेकिन कहीं भी इसका नाम उत्तराखंड से नहीं जुड़ पाया। साल 2018 में बीसीसीआई ने उत्तराखंड को घरेलू मैच खेलने की अनुमति देकर खेल प्रतिभाओं के लिए अपने राज्य से खेलने के साथ क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने का फलक भी दे दिया। अवसर मिला तो कूच बिहार ट्रॉफी से लेकर विजय हजारे, सीके नायडू से रणजी ट्रॉफी तक में कुमाऊं की कई प्रतिभाओं ने गेंद व बल्ले का कमाल दिखाया है। इससे उम्मीद जगी है कि आने वाला समय उत्तराखंड क्रिकेट के लिए और भी सुनहरे अवसर लेकर आएगा।

कोचों का रहा अहम योगदान
युवा क्रिकेटरों को निखारने में कोचों का भी अहम योगदान रहा। हल्द्वानी कोल्ट्स एकेडमी के वरिष्ठ क्रिकेट नवीन टम्टा, मनोज भट्ट, हिमालय एकेडमी के दान सिंह कन्याल, दान सिंह भंडारी, हल्द्वानी स्टेडियम के साई प्रशिक्षक संजीव पंत कई युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। कोचों ने कहा बेहतर प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी भविष्य में और आगे जाएंगे।

सौरभ रावत : रणजी में पहला दोहरा शतक
ओडिसा को अलविदा कहकर उत्तराखंड से खेलने वाले कोटाबाग के आंवलाकोट गांव निवासी सौरभ रावत ने उत्तराखंड की ओर से खेलते हुए रणजी में पहला दोहरा शतक बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया। सौरभ ने सिक्किम के साथ यह कारनामा किया।

कार्तिक जोशी : इनके नाम भी दोहरा शतक
हल्द्वानी मल्ला गोरखपुर निवासी व कोल्ट्स एकेडमी से प्रशिक्षण लेने वाले कार्तिक जोशी ने भी रणजी में दोहरा शतक जमाने वाले दूसरे उत्तराखंडी बने हैं। कार्तिक ने अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया।

वैभव भट्ट : बल्ले से दिखाया कमाल
कालाढूंगी रोड आदर्श कालोनी निवासी वैभव भट्ट ने रणजी में शतक जमाया। विकेट कीपर बल्लेबाज वैभव भट्ट ने सिक्किम के खिलाफ रणजी मैच में 152 रनों की पारी खेली थी। अन्य मुकाबलों में भी वैभव का प्रदर्शन सराहनीय रहा।

पीयूष जोशी : सीके नायडू में बोला बल्ला
हल्द्वानी अमरावती कालोनी निवासी पीयूषी जोशी ने अंडर-23 सीके नायडू ट्रॉफी में दोहरा शतक जमाने का कारनामा किया है। ओपनिंग बल्लेबाजी करने वाले पीयूष ने सिक्किम के साथ यह उपलब्धि हासिल की।

मयंक मिश्रा : दिखाया फिरकी का जादू
रुद्रपुर निवासी मयंक मिश्रा ने स्पिन गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया है। बांए हाथ के फिरकी गेंदबाज मयंक का रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन रहा है। अरुणाचल प्रदेश के साथ हुए मैच में मयंक 8 विकेट लेने में कामयाब रहे।

दीपक धपोला : तूफानी गेंदबाजी से चौंकाया
बागेश्वर निवासी दीपक धपोला ने अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को चकित किया है। रणजी ट्रॉफी में धपोला अब तक 7 मैच में 43 विकेट ले चुके हैं। बिहार के खिलाफ 10, मणिपुर के खिलाफ 12 विकेट लेकर उन्होंने सभी को चकित किया।

अवनीश सुधा : सर्वश्रेष्ठ स्कोर का कीर्तिमान
काशीपुर निवासी अवनीश सुधा के नाम अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी में एक पारी में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (339 रन) बनाने का कीर्तिमान है। अवनीश ने बिहार के खिलाफ यह कारनामा किया। अवनीश ने लगातार दो दोहरे शतक भी जमाए।

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