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Zero Shadow Day 2023: आज आपकी परछाई छोड़ देगी आपका साथ, ऐसा क्यों होता है जानिए

Zero Shadow Day 2023 जीरो शैडो डे यानि शून्य परछाई वाला एक ऐसा दिन होता जब सूर्य की किरणें सीधी पड़ने के कारण व्यक्ति या वस्तु की छाया कुछ पल के लिए गायब हो जाती है। उस समय सूर्य अक्षांश रेखा के ठीक ऊपर होता है। आज मंगलौर बंटवाल सकलेशपुर हासन बिदादी बेंगलुरु दशरहल्ली बंगारपेट कोलार वेल्लोर अरकोट अराक्कोनम श्रीपेरंबटूर तिरुवल्लुर अवाडी चेन्नई आदि स्थानों मे जीरो शैडो डे रहेगा।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 18 Aug 2023 06:00 AM (IST)
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Zero Shadow Day 2023: आज आपकी परछाई छोड़ देगी आपका साथ, ऐसा क्यों होता है जानिए

नैनीताल, रमेश चंद्रा। Zero Shadow Day 2023 in India: जीरो शैडो डे यानि शून्य परछाई वाला एक ऐसा दिन होता जब सूर्य की किरणें सीधी पड़ने के कारण व्यक्ति या वस्तु की छाया कुछ पल के लिए गायब हो जाती है। उस समय सूर्य अक्षांश रेखा के ठीक ऊपर होता है। शुक्रवार को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में शून्य छाया का दिन रहेगा।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडे ने बताया कि यह घटना कर्क व मकर रेखा के बीच आने वाली अक्षांश रेखा के बीच ही होती है। कर्क रेखा यानी 23.5 अक्षांश पर 21-22 जून को हर साल दोपहर में परछाई शून्य हो जाती है।

उसी तरह 21-22 दिसंबर को दक्षिणी गोलार्ध में यह स्थिति बनती है। इसके बाद शून्य अक्षांश यानी विषुवत रेखा से 23.5 अक्षांश के बीच तिथि व स्थान के साथ जीरो शैडो की स्थिति बदलती रहती है और इस घटना की पुनरावृत्ति उस क्षेत्र ने हर साल होती है। 18 अगस्त यानी शुक्रवार को मंगलौर, बंटवाल, सकलेशपुर, हासन, बिदादी, बेंगलुरु, दशरहल्ली, बंगारपेट, कोलार, वेल्लोर, अरकोट, अराक्कोनम, श्रीपेरंबटूर, तिरुवल्लुर, अवाडी, चेन्नई, आदि स्थानों मे जीरो शैडो डे रहेगा।

पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुकाव के कारण उत्पन्न होती है यह स्थिति 

पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी होने के कारण जीरो शैडो डे की स्थिति तो बनती ही है। ऋतु परिवर्तन भी इसी कारण होता है। भौगोलिक लिहाज से पृथ्वी को तीन महत्वपुर्ण रेखाओं में अंकित किया गया है, जो विषुवत, मकर व कर्क रेखा हैं। 27 शनि अपोजिसन व 31 अगस्त को माह का दूसरा सूपरमून

27 अगस्त को शनि दर्शन का सुनहरा मौका होगा। इस खगोलीय घटना में शनि पृथ्वी के सर्वाधिक करीब पहुचेगा और सुनहरे तारे की तरह चमकता नजर आएगा।

इस खगोलीय घटना को अपोजिसन कहा जाता है। जिसमें पश्चिम में सूर्य अस्त हो रहा होगा तभी पूर्व दिशा से शनि उदय हो रहा होगा। डॉ. पांडेय ने बताया कि इस माह की आखिरी खगोलीय घटना सूपरमून की होगी। जिसे ब्लू मून भी कहा जाता है। अगस्त में पहला सूपरमून एक अगस्त हुआ था और अब दूसरा 31 अगस्त की रात देखने को मिलेगा।