Uttarakhand Landslide: भूस्खलन की जद में 106 गांवों के 2500 परिवार, उत्तरकाशी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
Uttarakhand Landslide आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में भूस्खलन सबसे बड़ी चुनौती है। गढ़वाल मंडल के 106 से अधिक गांवों में भी लगभग 2500 परिवार भूस्खलन की जद में हैं। ऐसे में इन दिनों भूस्खलन प्रभावित गांवों में रह रही लगभग 12000 की आबादी भूधंसाव की आशंका से सहमी हुई है। आसमान में बादल घुमड़ते ही इन परिवारों की सांसें अटक जाती हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 10 Aug 2023 07:24 AM (IST)
गढ़वाल, जागरण टीम। आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में भूस्खलन सबसे बड़ी चुनौती है। गढ़वाल मंडल के 106 से अधिक गांवों में भी लगभग 2,500 परिवार भूस्खलन की जद में हैं। वर्षाकाल में पहाड़ दरकने और नदी-नालों में उफान आने से यह समस्या गहरा जाती है।
ऐसे में इन दिनों भूस्खलन प्रभावित गांवों में रह रही लगभग 12,000 की आबादी भूधंसाव की आशंका से सहमी हुई है। आसमान में बादल घुमड़ते ही इन परिवारों की सांसें अटक जाती हैं। इस वर्ष मानसून के ज्यादा बरसने से इनकी पीड़ा और बढ़ गई।
लगातार हो रही वर्षा से इन गांवों में भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है। कई गांव तो रहने लायक भी नहीं रहे। इनमें वो गांव भी हैं, जिन्हें पुनर्वास के लिए चिहि्नत किया जा चुका है।
उत्तरकाशीः 57 गांवों पर भूस्खलन का खतरा उत्तरकाशी में भूस्खलन का इतिहास डरावना है। वर्ष 1997 में यहां डुंडा तहसील का बागी गांव पूरी तरह जमींदोज हो गया था। इसके बाद वर्ष 2003 में वरुणावत पर्वत से हुए भूस्खलन ने जिले की भौगोलिक स्थिति ही बदल दी।
57 गांवों में निवासरत 800 से अधिक परिवारों को विस्थापन की जरूरत
वर्ष 2010 में भटवाड़ी गांव में भूस्खलन से 50 मकान जमींदोज हो गए। वर्ष 2012-2013 की आपदा के बाद जिले में भूस्खलन प्रभावित गांवों की संख्या तेजी से बढ़ी। फिलहाल, 57 गांवों में निवासरत 800 से अधिक परिवारों को विस्थापन की जरूरत है।इनमें भी 27 गांव भटवाड़ी, मस्ताड़ी, अस्तल, उडरी, धनेटी, सौड़, कमद, ठांडी, सिरी, धारकोट, क्यार्क, बार्सू, कुज्जन, पिलंग, जौड़ाव, हुर्री, ढासड़ा, दंदालका, अगोड़ा, भंकोली, सेकू, वीरपुर, बड़ेथी, कांसी, बाडिया, कफनौल और कोरना ज्यादा असुरक्षित हैं।
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