Diwali Market 2023: पीएम मोदी के नारे के बाद दिखा वोकल फॉर लोकल का जलवा, स्वदेशी झालरों से जगमग हुए बाजार
Diwali Market प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फार लोकल मिशन का असर बाजार पर दिखने लगा है। इस बार स्वदेशी झालरों की चमक से चीनी झालरों की बत्ती गुल हो गई है। बाजार में मात्र आठ से दस प्रतिशत ही चीनी झालर रह गई हैं। ब्रांडेड कंपनियों ने एक से दो साल की गारंटी के साथ झालरों को बाजार में उतारा है। दीपावली त्योहार के लिए बाजार सज गया है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 08 Nov 2023 04:11 PM (IST)
विनय कुमार शर्मा, हल्द्वानी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फार लोकल मिशन का असर बाजार पर दिखने लगा है। दीपावली पर घरों को जगमगाने के लिए शहर में रंग-बिरंगी झालरों, एलईडी लाइटों व झूमरों का बाजार तैयार हो गया है। इस बार स्वदेशी झालरों की चमक से चीनी झालरों की बत्ती गुल हो गई है। बाजार में मात्र आठ से दस प्रतिशत ही चीनी झालर रह गई हैं।
ब्रांडेड कंपनियों ने एक से दो साल की गारंटी के साथ झालरों को बाजार में उतारा है। दीपावली त्योहार के लिए बाजार सज गया है। घरों को सजाने के लिए तरह-तरह के फैंसी उत्पाद बाजार चमक उठा है। यह चमक इस बार विदेशी लाइटों की नहीं, बल्कि स्वदेशी लाइटों व झालरों की है।
चीनी झालर हुए आउट
पिछले वर्ष तक बाजार में 50 से 60 प्रतिशत तक चीनी झालरों का कब्जा रह गया था, जो इस बार घटकर मात्र 10 प्रतिशत तक ही रह गया है। स्वदेशी झालरें 40 रुपये से एक हजार रुपये तक उपलब्ध हैं और यह कई सीजन तक चलती हैं। इनकी मरम्मत भी हो जाती है। इस दीपावली जिले में स्वदेशी झालरों के अच्छे कारोबार की उम्मीद है।दीपावली के लिए हल्द्वानी में दुकानें सजकर तैयार हैं। इस बार सबसे खास बात है कि गुणवत्ता के लिहाज से चीनी झालरों व लाइटों को लोग कम ही पसंद कर रहे हैंये है झालरों व लाइटों की कीमत
- छोटे बल्ब की 15 मीटर : 40 रुपये
- छोटे बल्ब की 20 मीटर : 85 रुपये
- छोटे बल्ब की 50 मीटर : 155 रुपये
- बड़े बल्ब की 30 मीटर : 160 रुपये
- रूफ लाइट प्रति मीटर : 40 रुपये
- झूमर : 2000 से 5000 तक
- मल्टी कलर झालर 40 फीट : 150 इलेक्ट्रॉनिक दीपक : 50 रुपये (नोट : सभी कीमत थोक में।)
वोकल फॉर लोकल
दीपावली पर स्वदेशी झालरों की मांग ज्यादा है। स्थानीय के साथ ब्रांडेड कंपनियों की झालरों व लाइटों की कई रेंज उपलब्ध है।- शिव शंकर केसरवानी
जिस देश से हमारे संबंध सही नहीं, उस देश की कोई भी वस्तु दीपावली पर प्रयोग नहीं की जाएगी। पीएम की अपील के बाद हम स्वदेशी झालरों को ही बेच रहे हैं। - नरेंद्र कुमार आगरी
स्वदेशी झालर कई सीजन चलती है। ब्रांडेड कंपनियां गारंटी के साथ झालर व फैंसी लाइटें बेच रही हैं। इसलिए उपभोक्ता भी इसे काफी पसंद कर रहे है। - ध्रुव शाहबीते कुछ वर्षों से बाजार में स्वदेशी की मांग बढ़ी है। इसके चलते बाजार में भी लगभग 90 प्रतिशत माल स्वदेशी ही है। चीनी लाइटों व झालरों से स्वदेशी निर्मित लाइटें काफी अच्छी हैं। इसी कारण लोग भी इसे ही पसंद कर रहे हैं। इस बार अच्छे कारोबार की उम्मीद है। - अमित अग्रवाल
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