ठंड बढ़ने के कारण आबादी क्षेत्र में आ रहे भालू
पहाड़ी क्षेत्रों में इन दिनों जगह-जगह भालू दिखाई देने से दहशत फैली हुई है। आलम यह है कि कई क्षेत्रों में दिन में ही आबादी क्षेत्र के समीप ही भालू दिखाई देने से उन ग्रामीणों की ओर भी चिता बढ़ने लगी है जिनके परिवार की आजीविका दुग्ध व्यवसाय से चलती है। उनका अकेले जंगलों से चारा पत्ती लाना एक तरह से दूभर सा हो गया है।
जागरण संवाददाता, पौड़ी: पहाड़ी क्षेत्रों में इन दिनों जगह-जगह भालू दिखाई देने से दहशत फैली हुई है। आलम यह है कि कई क्षेत्रों में दिन में ही आबादी क्षेत्र के समीप ही भालू दिखाई देने से उन ग्रामीणों की ओर भी चिता बढ़ने लगी है जिनके परिवार की आजीविका दुग्ध व्यवसाय से चलती है। उनका अकेले जंगलों से चारा पत्ती लाना एक तरह से दूभर सा हो गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जंगलों में अधिक ठंड होने के कारण भालू आबादी का रुख कर रहे हैं। मौसम में बदलाव आते ही भालू खुद जंगल की ओर चले जाएंगे, लेकिन ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत है।
पौड़ी जनपद की ही बात करें तो यहां के चाकीसैंण तहसील क्षेत्र्रांगत कई गांवों में पिछले एक माह से भालू का आतंक फैला हुआ है। विभिन्न गांवों में भालू तीन ग्रामीणों को घायल कर चुका है। जनपद के विकासखंड खिर्सू के कई गांव के ग्रामीण भी इन दिनों भालू दिखाई देने से दहशत में हैं। कल्जीखाल विकासखंड के मानियारस्यूं क्षेत्र में भी ग्रामीणों को दिन में ही गुलदार दिखाई दिए। इस सबके बीच चितनीय पहलू यह है कि जगह-जगह भालू दिखाई देने से उन ग्रामीणों के सामने और भी चिता बढ़ गई है जो हर रोज अपने मवेशियों के लिए चारा पत्ती लाने के लिए जंगलों का रुख करते हैं। इतना ही नहीं, पहाड़ी गांवों में दूर के स्कूल जाने वाले बच्चों को भी जान का खतरा बना है।