Move to Jagran APP

स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के लिए हो जाइए तैयार, यहां मिलेगा परिंदों का अद्भुत संसार !

कोटद्वा में उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल आयोजित हो सकता है। इसके लिए शासन स्तर पर इस संबंध में अंतिम निर्णय होना शेष है

By Edited By: Updated: Sat, 13 Jul 2019 09:00 PM (IST)
Hero Image
स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के लिए हो जाइए तैयार, यहां मिलेगा परिंदों का अद्भुत संसार !
कोटद्वार, अजय खंतवाल। कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के मध्य स्थित लैंसडौन वन प्रभाग ने पिछले कुछ वर्षों में बर्ड वॉचिंग के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाई है। इसी को देखते हुए इस साल दिसंबर में यहां 'उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल' आयोजित हो सकता है।

दिसंबर 2018 में कोटद्वार में आयोजित 'कोटद्वार बर्ड फेस्टिवल' के सफल आयोजन के बाद वन महकमा इस संदर्भ में विचार कर रहा है। हालांकि, अभी शासन स्तर पर इस संबंध में अंतिम निर्णय होना शेष है। वैसे तो लैंसडौन वन प्रभाग की पहचान उन हाथियों से है, जो कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के मध्य स्थित इस प्रभाग के जंगलों को बतौर कॉरीडोर प्रयोग में लाते हैं। वन्य जीवों को लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों का पारिस्थितिकीय तंत्र किस कदर मुफीद लगता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रभाग के जंगलों में बाघ की तादाद भी कई नेशनल पार्कों के मुकाबले अधिक है। वर्ष 2015 में लैंसडौन वन प्रभाग को मिला 'कैट्स अवार्ड' इसका प्रमाण है। हाथी व बाघ के साथ ही पिछले कुछ समय से पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां भी इस वन प्रभाग की नई पहचान बनी हैं। 

यह है वर्तमान स्थिति 

लैंसडौन वन प्रभाग में अभी तक पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियां देखी गई हैं। अन्य स्थानों पर जहां बर्ड वाचिंग सीजनल होती है, वहीं कोटद्वार क्षेत्र में यह वर्षभर होती है। देश-विदेश से पक्षी प्रेमी पूरे वर्ष कोटद्वार पहुंचकर पक्षी अवलोकन करते हैं। क्षेत्र में पक्षियों की बड़ी तादाद को देखते हुए लैंसडौन वन प्रभाग की ओर से दिसंबर 2018 में कोटद्वार में तीन-दिवसीय बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया था, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से 250 से अधिक पक्षी प्रेमियों ने शिरकत की। कार्यक्रम के अंतिम दिन अमेरिका से भी दो पक्षी प्रेमी कोटद्वार पहुंचे थे। 

इस फेस्टिवल की सफलता को देख प्रदेश सरकार ने कोटद्वार में बर्ड ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की घोषणा भी की थी। गुरुवार को कोटद्वार पहुंचे मुख्य वन संरक्षक मनोज चंद्रन और बीके गांगटे ने प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह से न सिर्फ ग्रोथ सेंटर को लेकर चर्चा की, बल्कि उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के संबंध में भी बात की। 

प्रभाग में मौजूद पक्षियों का संसार 

बारटेल्ड ट्री क्रीपर, डॉलर बर्ड, ब्राउन फिश आउल, ब्लैक कैप्ड किंगफिशर, बार विंग्ड फ्लाई कैचर श्राइक, ब्लैक स्ट्रोक, रूफस जॉर्जेट फ्लाईकैचर, लिनिएटेड बारबेट, ग्रीन टेल सनवर्ड, लिटिल फ्रॉकटेल, ग्रेट हार्नबिल्स, वॉल क्रीपर, मलार्ड, मरगेंजर, इंडियन ईगल आउल, स्नोई ब्राड फ्लाईकेचर, ब्लू कैप्ड रेड स्टार्ट, रेड ब्रेस्टेड पैराकिट, मरून ओरियल, पिन टेल पिजन, एमरैल्ड डव, ग्रेट स्लेटी वुडपैकर, पलाश ईगल, ग्रे-हेडेड फिश ईगल, लेसर फिश ईगल, स्टैप ईगल, टिसिया, नेपाल रेन बैबलर, लेमरगियर वल्चर आदि। 

पक्षी विशेषज्ञ राजीव बिष्ट कहते हैं, कोटद्वार क्षेत्र में उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल का आयोजन क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं होगा। इससे कोटद्वार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिसका सीधा फायदा स्थानीय जनता को होगा।

लैंसडौन वन प्रभाग के सह प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार का कनहा है कि अन्य स्थानों के मुकाबले कोटद्वार क्षेत्र पक्षियों के मामले में काफी धनी है। पक्षी प्रेमी यहां से कभी निराश नहीं लौटते। राज्यस्तरीय बर्ड फेस्टिवल का आयोजन क्षेत्र को अवश्य ही नई पहचान देगा।

यह भी पढ़ें: गूगल पर तो है चेनाप घाटी, लेकिन उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र से है गायब

यह भी पढ़ें: शांति एवं सुकून चाहिए तो चले आइए वसुधारा जलप्रपात, अब तक पहुंचे 3000 श्रद्धालु

यह भी पढ़ें: चीन सीमा से लगी नीती घाटी में अनूठी परंपरा, एक साल तक दो गांव में मांसाहार पर लगा निषेध; जानिए

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।