Uttarakhand: बारिश बंद होने के बाद भी गिर रहे बोल्डर, उत्तराखंड जाने से पहले पढ़ लें ये खबर
Uttarakhand पहाड़ों पर बारिश में हुई तबाही के बाद अभी भी हालत खराब हैं। यहां पहाड़ दरक रहे हैं। वर्षाकाल थमने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य चुनौतियों का सफर कम होने के नाम नहीं ले रहा। हालत यह है कि पहाड़ की मिट्टी सूखने के बाद बोल्डर लगातार राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिर रहे हैं। ऐसे में यात्रा करना जोखि भरा हो सकता है।
कोटद्वार, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड में अब बारिश तो थम गई है, लेकिन लोगों की आफत अभी तक खत्म नहीं हुई है। पहाड़ों पर बारिश में हुई तबाही के बाद अभी भी हालत खराब हैं। यहां पहाड़ दरक रहे हैं। वर्षाकाल थमने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य चुनौतियों का सफर कम होने के नाम नहीं ले रहा।
हालत यह है कि पहाड़ की मिट्टी सूखने के बाद बोल्डर लगातार राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिर रहे हैं। ऐसे में यह बोल्डर कब किसकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। पूरे सफर में 12 से अधिक डेंजर जोन बने हुए हैं।
जगह-जगह बदहाल हो रही हैं सड़कें
13 व 22 अगस्त को हुई अतिवृष्टि से नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग कोटद्वार-दुगड्डा के मध्यम जगह-जगह बदहाल हो गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को पहाड़ी से आए मलबे व बोल्डर को हटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि अब वर्षा थम गई है। लेकिन, पहाड़ से बोल्डर गिरने का सिलसिला अब भी जारी है।
मिट्टी सूखने के बाद लुढ़कने लगे बोल्डर
दरअसल, गिली मिट्टी में फंसे बोल्डर मिट्टी सूखने के बाद लुढ़कने लगे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों को हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है। कोटद्वार से दुगड्डा तक 15 किलोमीटर के सफर में यात्रियों की सांसें अटकी रहती हैं।
डरा रहे दरकते पुश्ते
कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य क्षतिग्रस्त पड़े पुश्ते वाहन चालकों को डरा रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर सड़क का आधा हिस्सा टूटकर खोह नदी में समा चुका है। यही नहीं 15 किलोमीटर के सफर में पड़ने वाले तीन पुलो पर भी खतरा मंडरा रहा है। खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने आमसौड़ से करीब पांच सौ मीटर पहले पड़ने वाली पुलिया पर आवागमन रुकवा दिया था।
अपर सहायक अभियंता ने कही ये बात
इस वर्षाकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग को काफी नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करने के लिए भी प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। जल्द ही व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाएगा...अरविंद जोशी, अपर सहायक अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग, धुमाकोट