कैबिनेट बैठक: पौड़ी को तोहफे, पहाड़ी फसलें खरीदेगी सरकार
गढ़वाल मंडल के मुख्यालय पौड़ी के कमिश्नरी बनने के 50 वर्ष होने पर वहां मंत्रिमंडल और मंत्री परिषद की बैठक आहूत की गई। इसमें पौड़ी को कई तोहफे मिले।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:52 PM (IST)
पौड़ी, जेएनएन। गढ़वाल कमिश्नरी पौड़ी के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां हुई त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पौड़ी और आसपास के क्षेत्रों को तोहफा दिया गया। पौड़ी में 6.92 करोड़ लागत से ल्वाली झील के निर्माण को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। यह झील आसपास के करीब दर्जनभर गांवों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मुहैया कराएगी ही, साथ में पिकनिक स्पॉट के रूप में स्वरोजगार के मौके पैदा करने जा रही है। पलायन की सर्वाधिक मार से त्रस्त इस जिले को एनसीसी प्रशिक्षण अकादमी का तोहफा भी दिया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों की परंपरागत फसलों को बाजार मुहैया कराते हुए मंडी समिति में रिवॉल्विंग फंड को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने दिव्यांगजनों से संबंधित एक्ट की नियमावली को मंजूरी दी। इससे दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर देकर आर्थिक व सामाजिक विकास का रास्ता खोला गया है। उनके खिलाफ ङ्क्षहसा भी रुकेगी।
गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी में शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में पहले मंत्रिपरिषद और फिर मंत्रिमंडल की बैठक ने कमिश्नरी की गोल्डन जुबली के मौके को और खास बना दिया। मंत्रिमंडल के फैसलों को काबीना मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ल्वाली झील प्रोजेक्ट को दून में सौंग नदी पर बनने वाले बांध की तर्ज पर ही अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया है।
छह करोड़ 92 लाख 77 हजार की लागत से बनने वाली यह झील आसपास के क्षेत्र का कायाकल्प करने वाली साबित होगी। इससे पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान होगा ही, साथ में पर्यटन स्थल के तौर पर क्षेत्र विकसित होगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। इसीतरह पौड़ी जिले के सितोनस्यूं पट्टी के देवाल ग्राम में एनसीसी प्रशिक्षण अकादमी के लिए 3.67 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। अकादमी बनने से पलायन की समस्या पर अंकुश लगेगा। साथ में इस क्षेत्र की अलहदा पहचान भी बन सकेगी।
पर्वतीय खेती को पुरजोर समर्थन
मंत्रिमंडल ने मंडी परिषद में रिवॉल्विंग फंड को मंजूरी दी। इससे छोटे व सीमांत किसानों से उनके उत्पाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएंगे। पर्वतीय गांवों से बड़ी संख्या में पलायन और खेती छोड़ रहे स्थानीय निवासियों को राहत देने के लिए मंत्रिमंडल के इस कदम को अहम माना जा रहा है। कोदा, झंगोरा, गहथ, तुअर, चौलाई जैसी परंपरागत फसलों को अब मंडी परिषद खरीदेगी। इसके लिए पहले चरण में 10 करोड़ फंड रखा गया है। इसे 100 करोड़ तक ले जाया जाएगा।
कैबिनेट फैसले:
-पौड़ी में 6.92 करोड़ लागत से ल्वाली झील के निर्माण को सैद्धांतिक स्वीकृति-पौड़ी में सितोनस्यूं पट्टी के देवाल गांव में एनसीसी प्रशिक्षण अकादमी को मंजूरी, 3.67 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
-मंडी परिषद के अंतर्गत रिवॉल्विंग फंड के गठन पर सहमति, पहाड़ की पारंपरिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का रास्ता साफ -दिव्यांगजनों के लिए संबंधित अधिनियम के तहत नियमावली पर मुहर, दिव्यांगजनों को समान अवसर, होगा आर्थिक, सामाजिक विकास, रुकेगी ङ्क्षहसा
-वित्त-कोषागार विभाग एनआइसी के अतिरिक्त आउटसोर्सिंग से रख सकेंगे कार्मिक-चौखुटिया नगर पंचायत को मंजूरी, 4467 जनसंख्या के लिए 12 नए गांव शामिल
-विज्ञापन नीति में संशोधन को अनुमति, इस संबंध में अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन करेगा वित्त विभाग -सड़क सुरक्षा समिति के प्रारूप में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुनर्गठन, परिवहन आयुक्त के स्थान पर संयुक्त आयुक्त करेंगे समिति की अध्यक्षता
-पर्यटन विकास परिषद के तहत साहसिक खेल अधिकारी, वरिष्ठ साहसिक खेल अधिकारी के वेतन विसंगति के निपटारे को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति में संबंधित विभाग, न्याय, वित्त, व कार्मिक सचिव भी होंगे-महिला एवं बाल कल्याण विभाग के ग्रेड वेतन का निर्धारण करेगी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति-मैसर्स फिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड नई दिल्ली को पुरकुल-मसूरी रोपवे का कार्य सौंपने को अनुमति, पीपीपी मोड में होगा कार्य-सचिवालय के नजदीक सचिवालय प्रशासन ने 26.54 करोड़ की भूमि अधिग्रहीत की गई थी, लेकिन इसके उत्तराधिकारी न्यायालय गए और 15 वर्ष बाद भूमि की कीमत अधिक होने के कारण अधिग्रहण का निर्णय निरस्त-विधानसभा सत्रावसान को मंजूरीयह भी पढ़ें: आयुष विभाग में विभागीय मंत्री की अनुमति के बिना कर दिए 28 तबादलेयह भी पढ़ें: कैंट क्षेत्र के सीवर कार्यों में मनमानी पर भड़के भाजपाई, जांच की मांग
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