केंद्रीय गढ़वाल विवि के कुलसचिव डॉ. झा ने संभाला कार्यभार
केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव एके झा ने एकबार फिर से पदभार संभाल लिया है।
श्रीनगर गढ़वाल, [जेएनएन]: तत्कालीन कुलपति प्रो. जवाहर लाल कौल की ओर से निलंबित डॉ. एके झा ने बहाली के बाद कुलसचिव पद का कार्यभार संभाल लिया। डॉ. झा को चार दिसंबर को निलंबित किया गया था।
गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. अजयबल्लभ भट्ट ने डॉ. झा का निलंबन गुरुवार को तत्काल प्रभाव से वापस ले लेने के आदेश जारी किए। डॉ. झा ने गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलसचिव पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। वह बीते दो माह दस दिन से मेडिकल अवकाश पर चल रहे थे।
गुरुवार दोपहर ही उन्होंने श्रीनगर पहुंचकर विश्वविद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कुलसचिव डॉ. झा के कार्यभार ग्रहण करने की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने कुलसचिव कार्यालय पहुंचकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. झा ने कहा कि नियम विरुद्ध कोई कार्य नहीं होना चाहिए। विश्वविद्यालय के विकास और छात्रों के हित में सभी कर्मचारी और अधिकारी ईमानदारी से कार्य करते हुए सहयोगी भी बनें।
गढ़वाल विवि के प्रति कुलपति को हटाया
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रति कुलपति को उनके पद से हटा दिया। इस संबंध में उन्होंने गुरुवार को आदेश जारी कर बीते 28 सितंबर को जारी किए गए आदेश को वापस ले लिया। बताया जा रहा है कि इसी आदेश के तहत प्रो. डीएस नेगी प्रति कुलपति पद पर कार्य कर रहे थे।
गुरुवार का दिन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय परिसर में दिनभर काफी गहमागहमी भी रही। एक ओर जहां कुलपति प्रो. अजयबल्लभ भट्ट ने बीते 28 सितंबर को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर प्रति कुलपति को उनके पद से हटा दिया तो वहीं दूसरी ओर बीते लगभग दो महीनों से मेडिकल अवकाश पर चल रहे डॉ. एके झा ने भी गुरुवार अपराह्न में श्रीनगर पहुंचकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया।
तत्कालीन कुलपति ने उन्हें छुट्टी पर रहने के कारण ही बीते चार दिसंबर को उन्हें निलंबित कर दिया था। गुरुवार को कुलपति प्रो. एबी भट्ट ने उनका निलंबन आदेश भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि बीते 28 दिसम्बर को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने तत्कालीन कुलपति को बर्खास्त कर देने के बाद बीते शनिवार को तत्कालीन प्रति कुलपति प्रो. नेगी ने स्वयं ही आदेश जारी कर कुलपति (कार्यवाहक) का कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था।
इसके बाद से ही विश्वविद्यालय में घोर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई थी। बीते तीन जनवरी को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रोफेसर को कुलपति पद दिए जाने का निर्देश जारी करने और प्रो. अजयबल्लभ भट्ट के कुलपति पद का कार्यभार ग्रहण कर लेने के उपरांत उन स्थितियों में अब तेजी से बदलाव भी आता दिख रहा है।
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