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चार साल के भाई को सीने से चिपका कर तेंदुए के वार झेलती रही बच्‍ची

पौड़ी जिले में एक 11 साल की बच्‍ची ने अपनी जान पर खेलकर अपने चार साल के भाई की जान बचाई। उसने अपने भाई को सीने से चिपकार तेंदुए से भीड़ गई।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 07 Oct 2019 12:17 PM (IST)
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चार साल के भाई को सीने से चिपका कर तेंदुए के वार झेलती रही बच्‍ची
कोटद्वार, जेएनएन। पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्‍लॉक के ग्राम वेकुंडई में एक 11 साल की बच्‍ची ने जान पर खेलकर अपने चार साल के भाई की जान बचाई। इसके लिए वह तेंदुए से भीड़ गई। इस दौरान वह भाई को सीने से चिपका कर तेंदुए के वार झेलती रही। बच्‍ची की हिम्‍मत के आगे तेंदुए भी हार गया। इस हमले में बच्‍ची गंभीर घायल हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद उसे दिल्‍ली रेफर कर दिया गया है, जबकि चार साल के मासूम को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

जानकारी के अनुसार, घटना पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्‍लॉक के वेकुंडई गांव की है। यहां दलवीर सिंह रावत अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी छोटी बेटी राखी (11 वर्ष) कक्षा पांचवी की छात्रा है, जबकि चार साल का राघव आंगबाड़ी में जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को शालिनी अपने बेटी राखी और बेटे के साथ खेत से आ रहे थे। राखी राघव को लेकर आगे चल रही, जबकि मां शालिनी कुछ पीछे चल रही थी। इसी दौरान तेंदुए ने राघव पर झपट्टा मारा। इस पर राखी ने तुरंत राघव को अपने सीने से चिपका लिया और तेंदुए से भीड़ गई। वह तेंदुए के वार को झेलती रही, लेकिन उसने राघव को नहीं छोड़ा।

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इस हमले में वह बेहोश हो गई। इस बीच पीछे से आ रही मां शालिनी ने यह देखा तो उसने शोर मचा दिया। इससे आस-पास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर दौड़ के आ गए। उन्‍होंने तेंदुए को जंगल की ओर खदेड़ दिया। इस हमले में राखी गंभीर घायल हो गई, जबकि राघव को भी चोटें आईं। ग्रामीण और परिजन दोनों को कोटद्वार बेस अस्‍पताल ले गए। जहां से राखी को दिल्‍ली के अस्‍पताल के लिए रेफर कर दिया गया।

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