Garhwal Lok Sabha Chunav 2024: गढ़वाल सीट पर मोदी बने भाजपा के तारणहार, सांगठनिक कमजोरी से पार नहीं पा सकी कांग्रेस
Garhwal Lok Sabha Chunav 2024 इस सीट पर कांग्रेस की हार का बड़ा कारण पार्टी का कमजोर संगठन रहा है। वहीं कांग्रेस के मुकाबले भाजपा संगठन हर मोर्चे पर मजबूती से डटा रहा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भुवन चंद्र खंडूड़ी 184526 मतों के अंतर से जीते। वर्ष 2019 में भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत 302449 मतों के अंतर से विजयी रहे।
अजय खंतवाल, जागरण, कोटद्वार। गढ़वाल संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा के तारणहार बने। परिणामस्वरूप इस सीट से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी डेढ़ लाख से अधिक मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल पर जीत दर्ज करने में सफल रहे। भाजपा ने इस लोकसभा सीट के अंतर्गत सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में अधिक मत प्राप्त किए हैं।
पर्वतीय बहुल इस सीट के तराई क्षेत्रों रामनगर और कोटद्वार में भी भाजपा बढ़त में रही है। गढ़वाल सीट पर कांग्रेस की तुलना में भाजपा की स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत रही है। इस सीट के अंतर्गत 14 विधायकों में से 13 भाजपा के हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के एकमात्र बदरीनाथ क्षेत्र के विधायक राजेंद्र भंडारी ने भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद से यह सीट रिक्त चल रही है।
कांग्रेस ने इस सीट पर भाजपा की अच्छी स्थिति के बावजूद मजबूती से चुनाव लड़ा। इस सीट पर सैनिक व पूर्व सैनिक मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। इसे देखते हुए कांग्रेस ने अग्निवीर योजना के विरोध को बड़ा मुद्दा बनाया। साथ ही यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वनंतरा रिसार्ट की महिला कर्मचारी की हत्या को लेकर भी कांग्रेस जनता के बीच मुखर रही। यद्यपि, मतगणना के परिणाम पर नजर डालें तो कांग्रेस को मतदाताओं का अच्छा समर्थन मिला, लेकिन यह ऐसा नहीं रहा कि भाजपा के विरुद्ध निर्णायक साबित हो सके।
इस सीट पर कांग्रेस की हार का बड़ा कारण पार्टी का कमजोर संगठन रहा है। वहीं, कांग्रेस के मुकाबले भाजपा संगठन हर मोर्चे पर मजबूती से डटा रहा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भुवन चंद्र खंडूड़ी 184526 मतों के अंतर से जीते। वर्ष 2019 में भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत 3,02,449 मतों के अंतर से विजयी रहे। इस बार अनिल बलूनी ने ईवीएम से मतगणना संपन्न होने तक कांग्रेस से 1,55,839 मतों से आगे थे।
चुनावी इतिहास
1951 के पहले लोकसभा चुनाव में इस सीट का नाम गढ़वाल डिस्ट्रिक्ट (ईस्ट) कम मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट (नार्थ ईस्ट) हुआ करता था। 1977, 1980 व 1989 को छोड़ यह सीट भाजपा और कांग्रेस के ही पास रही। शुरूआती दौर में जहां कांग्रेस के टिकट पर भक्तदर्शन लगातार चार बार इस सीट से सांसद रहे, वहीं 11वीं, 12वीं, 13वीं व 14वीं लोकसभा के चुनाव में मे.जनरल बीसी खंडूड़ी ने इस सीट पर जीत हासिल की।37 वर्षों तक यह सीट कांग्रेस और 28 वर्ष तक भाजपा के पास रही। वर्ष 1977 में पहली बार यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकली और जनता पार्टी के जगन्नाथ शर्मा जीते। वर्ष 1980 में जनता पार्टी-सेक्यूलर में आए हेमवती नंदन बहुगुणा ने जीत हासिल की और वर्ष 1989 में कांग्रेस छोड़ जनता दल में आए चंद्रमोहन सिंह नेगी ने जीत हासिल की।गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में में सैन्य परिवारों से जुड़ा बड़ा तबका है और सैन्य परिवारों से जुड़ा यह तबका चुनाव में निर्णायक भूमिका में होता है। यहां 86 प्रतिशत हिंदू, आठ प्रतिशत मुस्लिम, चार प्रतिशत सिख व दो प्रतिशत ईसाई मतदाता हैं। संसदीय सीट के सामाजिक समीकरण पर नजर डालें तो 46 प्रतिशत ठाकुर, 26 प्रतिशत ब्राह्मण, आठ प्रतिशत एससी-एसटी व ओबीसी और छह प्रतिशत वैश्य व अन्य हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।14 विधानसभा सीटों में से 13 भाजपा के पास
गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र की कुल 14 विधानसभा सीटों में से सर्वाधिक 13 भाजपा के पास रही हैं। लोकसभा चुनाव के अवसर पर कांग्रेस के एकमात्र विधायक राजेंद्र भंडारी ने भाजपा का दामन थामा। गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में नगर निकायों में कांग्रेस की स्थिति भी मजबूत रही है। इस क्षेत्र के अंतर्गत सर्वाधिक मतदाता वाले रामनगर, श्रीनगर व कोटद्वार विधानसभा क्षेत्रों में नगर निकायों पर कांग्रेस का कब्जा रहा है।मतदाताओं की स्थिति
- कुल-13,69,388
- महिला-6,69,964
- पुरुष-6,99,408
पिछले लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत
- भाजपा, 68.25
- कांग्रेस, 27.50
- अन्य, 4.25