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Pauri Bus Accident: तो बस दुर्घटना में जिम्मेदारों को बचा रही है सरकार, अभी तक नहीं हुई कार्रवाई

Pauri Bus Accident सिमड़ी बस दुर्घटना हुए चार दिन बीत गए हैं लेकिन अभी तक जिम्‍मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई। डेढ़ सौ किलोमीटर के सफर में बस उत्तर प्रदेश के दो व उत्तराखंड के तीन थाना क्षेत्रों से गुजरी। कौड़िया चेक पोस्ट में भी बस नहीं रोकी गई।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Sat, 08 Oct 2022 11:40 PM (IST)
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Pauri Bus Accident: सिमड़ी बस दुर्घटना हुए चार दिन बीत गए हैं।

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: Pauri Bus Accident: सिमड़ी बस दुर्घटना हुए चार दिन बीत गए हैं। लेकिन, अभी तक शासन ने उन जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिनकी लापरवाही के चलते 33 बारातियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

तीन पुलिस क्षेत्रों से होती हुई सिमड़ी बैंड तक पहुंची बस

करीब डेढ़ सौ किलोमीटर के सफर में जनपद पौड़ी के तीन-तीन पुलिस क्षेत्रों से होती हुई बस सिमड़ी बैंड तक पहुंच गई। लेकिन, इस सफर में कहीं बस को चेक तक नहीं किया गया।

तकनीकि खराबी, ऊपर से ओवरलोडेड थी बस

यह सही है कि लालढांग से वीरोंखाल प्रखंड की ओर बरात लेकर जा रही बस में तकनीकि खराबी आई। यह भी सही है कि बस ओवरलोडेड थी। लेकिन, ओवरलोडेड बस को रोक कर संबंधित चालक के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों की थी, आज तक सरकारी तंत्र ने उन अधिकारियों पर कार्रवाई करना तो दूर, उनसे जवाब तक नहीं मांगा है।

लालढांग से शुरू हुआ इस बस का सफर

बताना जरूरी है कि हरिद्वार जनपद के अंतर्गत श्यामपुर थाना क्षेत्र के लालढांग से इस बस का सफर शुरू हुआ। लालढांग से पांच किलोमीटर सफर तय कर बस राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गई। कुछ दूर चलने के बाद बस उत्तर प्रदेश के मंडावली थाना क्षेत्र व नजीबाबाद कोतवाली क्षेत्र को पार करती हुई पुन: उत्तराखंड की कोटद्वार कोतवाली के अंतर्गत कौड़िया चेक पोस्ट पर पहुंची।

चेक पोस्ट पर तैनात रहती है पुलिस

इस चेक पोस्ट पर एक पुलिस उपनिरीक्षक के साथ ही सिपाहियों की तैनाती होती है। लेकिन, किसी ने भी बस को चेक करने की जहमत नहीं उठाई। चेक पोस्ट से सौ मीटर दूर परिवहन विभाग की चेक पोस्ट है। लेकिन, वहां भी मौजूद कर्मी ने बस को नहीं रोका।

पुलिस पिकेट में भी रहती है पुलिस

कोटद्वार शहर में नजीबाबाद चौक, झंडा चौक से होते हुए बस सिद्धबली मंदिर के समीप तिलवाढांग चेक पोस्ट पर पहुंची। इन तीनों स्थानों पर पुलिस पिकेट मौजूद रहती है। लेकिन, किसी ने भी बस को नहीं रोका।

किसी की भी बस पर नहीं पड़ी नजर

उल्लेखनीय है कि कोटद्वार में पुलिस की एक हाईवे पेट्रोल और एक सिटी पेट्रोल कार भी चलती है। लेकिन, इन्हें भी यह बस नजर नहीं आई। इसके बाद बस ने कोटद्वार कोतवाली की दुगड्डा चेक पोस्ट को पार किया व करीब छह किलोमीटर सफर के बाद लैंसडौन कोतवाली क्षेत्र में प्रवेश किया। बगैर किसी रोकटोक के बस रिखणीखाल थाना क्षेत्र से होते हुए वीरोंखाल की तरफ बढ़ गई।

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दोपहर में नींद का आनंद लेती रही यातायात पुलिस

बस ने डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर तय कर दिया। लेकिन, इस सफर में न तो पुलिस ने बस को रोका और न ही परिवहन विभाग ने। हैरानी की बात तो यह है कि कोटद्वार में यातायात पुलिस की पूरी यूनिट तैनात है। पुलिस क्षेत्राधिकारी (यातायात) भी कोटद्वार में ही बैठते हैं। टीम के पास इंटरसेप्टर सहित अन्य वाहन भी मौजूद हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जिस वक्त कोटद्वार से बस दुगड्डा की ओर निकली, यातायात पुलिस की टीम कहां थी?

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