कोटद्वार के नजीबाबाद चौक पर घंटाघर निर्माण का विरोध शुरू हो गया है। पूर्व सैनिकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौक पर वीरांगना तीलू-रौतेली की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है। प्रशासन ने पहले प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी थी जिसके बाद प्रतिमा को चौक के एक कोने में स्थापित करना पड़ा था। अब प्रशासन तीलू रौतेली चौक को समाप्त कर यहां घंटाघर स्थापित करना चाहता है।
संवाद सहयोगी, जागरण, कोटद्वार। कोटद्वार के नजीबाबाद चौक में घंटाघर निर्माण को लेकर विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं के साथ ही पूर्व सैनिकों ने नजीबाबाद चौक पर घंटाघर के निर्माण का विरोध करते हुए चौक पर वीरांगना तीलू-रौतेली की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है।
पूर्व सैनिक संषर्ष समिति ने झंडा चौक को अतिक्रमणमुक्त कर चौक में घंटाघर बनाने की मांग की है।
सोमवार को पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह रावत के नेतृत्व में तहसील परिसर में एकत्र हुए। समिति ने उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी के माध्यम से राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे।
ज्ञापन में कहा गया कि नजीबाबाद चौक पर तीलू-रौतेली की प्रतिमा स्थापित होनी थी। प्रशासन ने प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी, जिस कारण प्रतिमा को चौक के एक कोने में स्थापित करना पड़ा। साथ ही इस चौक का नाम तीलू रौतेली चौक किया गया।
उन्होंने कहा कि अब प्रशासन तीलू रौतेली चौक को समाप्त कर यहां घंटाघर स्थापित करना चाहता है, जो कि गलत है। कहा कि प्रशासन झंडा चौक के अतिक्रमण को हटा कर वहां घंटाघर स्थापित कर सकता है। ज्ञापन में वन रैंक-वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने, पूर्व सैनिकों के ग्रेड-पे में संशोधन करने की भी मांग उठाई गई है।
इस मौके पर ठाकुर सिंह, भजन सिंह, बृजमोहन सिंह, सुभाष कुकरेती, देवेंद्र सिंह, अनुसुया प्रसाद सेमवाल, मोहन सिंह नेगी, विमलेश काला, वीरेंद्र सिंह रावत, मदन सिंह नेगी, देवेंद्र रावत, पुष्कर सिंह रावत मौजूद रहे।
इधर, जिला कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने भी तीलू रोतेली चौक पर घंटाघर बनाए जाने पर आक्रोश जताया। जिलाध्यक्ष विनोद डबराल के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्त्ता तहसील परिसर में एकत्र हुए और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोटद्वार में मेडिकल कालेज, लालढांग-चिलरखाल मोटर मार्ग, केंद्रीय विद्यालय, कण्वाश्रम, ट्रेचिंग ग्राउंड सहित कई विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। कहा कि घंटाघर बनाने की कवायद क्षेत्रीय जन के साथ विकास के नाम पर छलावा है।
कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, शौर्य व मातृशक्ति के सशक्तिकरण की प्रतीक वीरबाला तीलू रौतेली के अस्तित्व को मिटाना चाहती है, जिसे क्षेत्र की जनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मौके पर बलवीर सिंह रावत, रंजना रावत, प्रवेश रावत, सुधा असवाल, गोपाल सिंह गुसांई, वीरेंद्र सिंह रावत, अमित नेगी, प्रदीप नेगी, चंद्रमोहन रावत, मोहन लाल प्रजापति मौजूद रहे।
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