Lansdown: पर्यटन नगरी में सुविधाओं का टोटा, केवल बोर्ड लगाने तक सिमटी पर्यटन पुलिस चौकी; मूलभूत जरूरतों के लिए पर्यटकों को परेशानी
Lansdown Tourism लैंसडौन नगर में छावनी परिषद पर्यटन विभाग अथवा पर्यटन पुलिस की ओर से अभी तक पर्यटन सूचना केंद्र की स्थापना नहीं की गई है। जिससे कई बार पर्यटकों को लैंसडौन नगर के इतिहास पर्यटक स्थलों व इनकी दूरी के अलावा लैंसडौन नगर की विशेषताओं की जानकारी नहीं मिल पाती है। पर्यटन नगरी में आने वाले पर्यटक गूगल के भरोसे ही लैंसडौन नगर घूमते हैं लेकिन...
संवाद सहयोगी, लैंसडौन। पर्यटन नगरी लैंसडौन में सैर-सपाटे के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या तो बढ़ रही है। सुविधाओं की बात करें तो शून्य ही नजर आती हैं। आलम यह है कि नगर के गांधी चौक में खुली पर्यटन पुलिस चौकी जहां बोर्ड लगाने तक ही सिमट गई है। वहीं आधुनिक शौचालय समेत मूलभूत सुविधाओं के लिए पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पौड़ी जनपद में लैंसडौन नगर ने पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है। यही कारण है कि छुट्टियों में लैंसडौन पर्यटकों की भीड़ से सराबोर रहता है। मई माह से गांधी चौक समेत पर्यटक स्थलों में निरंतर पर्यटकों की भीड़ के चलते चहल-पहल तो देखने को मिल रही है। लेकिन, नगर में आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं पर नजर डालें तो बेहद दुखद स्थिति सामने नजर आती है।
केवल बोर्ड टांगने तक सिमट गई व्यवस्था
बीते वर्ष छावनी परिषद से पुलिस ने पर्यटन चौकी खोलने के नाम पर मुसाफिरखाने का औपचारिक रूप से अधिग्रहण किया। पर्यटन पुलिस चौकी खोलने के पीछे मंशा यह थी कि नगर में आने वाले पर्यटकों को सहायता प्रदान की जा सके। लेकिन, पर्यटन पुलिस चौकी की स्थापना मात्र बोर्ड टांगने तक सिमट गई। इन दिनों इस चौकी में होमगार्ड कर्मी ही नजर आते हैं।
छावनी परिषद ने नगर में पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर आधुनिक शौचालय तक नहीं खोला है। टिप-इन-टाप में पर्यटकों के लिए बनाए गए शौचालयों में भी ताला लटका हुआ है।
टूटी सड़कें कर रही पर्यटकों का स्वागत
बजट के अभाव में लैंसडौन कैंट की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है। कैंट क्षेत्र में पहुंचते ही पर्यटकों का स्वागत नगर की टूटी सड़कें करती हैं। रात्रि के समय पथ प्रकाश की उचित व्यवस्था छावनी परिषद की ओर से नहीं की गई है। सदर बाजार का क्षेत्र भी सड़क मरम्मत व निर्माण के अभाव में बदहाल स्थिति में है। जबकि धर्मशाला की सड़क भी दयनीय स्थिति का दंश झेल रही है। नगर में पर्यटन के नाम पर कैंट एक्ट की बाध्यता के चलते कोई भी योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ लेती है।
राज्य सरकार की ओर से अब तक लैंसडौन में पर्यटन संबंधी एक भी योजना शुरू नहीं की गई है। दरअसल, लैंसडौन क्षेत्र कैंट एक्ट के दायरे में सिमटा हुआ है व राज्य सरकार इसी कैंट एक्ट की जटिलताओं का बहाना बना पल्ला झाड़ लेती है।
ईंधन के लिए परेशान होते हैं पर्यटक
लैंसडौन नगर में अब तक कैंट एक्ट की बाध्यता के चलते एक भी पेट्रोल पंप की स्थापना नहीं की जा सकी है। हालांकि बीते माह से एक पेट्रो डीलर की ओर से पेट्रोल की ब्रिक्री की जा रही है। लेकिन, दबाव अधिक होने पर कई बार व्यवस्था चरमरा जाती है। पर्यटकों को पेट्रोल-डीजल के लिए दुगड्डा अथवा सतपुली की दौड़ लगानी पड़ती है, जोकि लैंसडौन से करीब 30 किलोमीटर दूर हैं।
गूगल के सहारे पर्यटक
लैंसडौन नगर में छावनी परिषद, पर्यटन विभाग अथवा पर्यटन पुलिस की ओर से अभी तक पर्यटन सूचना केंद्र की स्थापना नहीं की गई है। जिससे कई बार पर्यटकों को लैंसडौन नगर के इतिहास, पर्यटक स्थलों व इनकी दूरी के अलावा लैंसडौन नगर की विशेषताओं की जानकारी नहीं मिल पाती है।
पर्यटन नगरी में आने वाले पर्यटक गूगल के भरोसे ही लैंसडौन नगर घूमते हैं। लेकिन, कई बार गूगल में भी भ्रमित जानकारी मिलने के कारण पर्यटकों को परेशानियां उठानी पड़ती है।
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