Uttarakhand News: पूर्व सैनिक पर झपटा गुलदार, गुस्साई भीड़ ने मार डाला
Leopard Attack उत्तराखंड के कालागढ़ में एक तेंदुए ने पूर्व सैनिक पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। गुस्साए ग्रामीणों ने तेंदुए को पीट-पीटकर मार डाला। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण जंगली जानवरों के हमले बढ़ रहे हैं। घटना से पहले भी दोपहर में गुलदार ने रास्ते पर से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल सवार पर हमले की कोशिश की।
संवाद सूत्र, जागरण, कालागढ़। Uttarakhand News: कालागढ़ कस्बे से लगे ग्राम भिक्कावाला में गुलदार के हमले में पूर्व सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने डंडों से पीट-पीटकर गुलदार को भी मौत के घाट उतार दिया।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने देर शाम तक वनकर्मियों को मौके से गुलदार के शव को नहीं उठाने दिया। ग्रामीणों का कहना है कि घटना से पहले भी दोपहर में गुलदार ने रास्ते पर से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल सवार पर हमले की कोशिश की।
घसीटते हुए खेत से करीब पचास मीटर दूर रास्ते पर ले आया गुलदार
जानकारी के अनुसार, भिक्कावाला निवासी टेकवीर सिंह नेगी (60 वर्ष) बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे कालागढ़ के निकट अपने खेत में काम कर रहे थे। अचानक गुलदार ने उन पर हमला बोल दिया। गुलदार उन्हें घसीटते हुए खेत से करीब पचास मीटर दूर रास्ते पर ले आया। शोर सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण डंडे लेकर मौके पर पहुंचे और गुलदार पर हमला कर दिया।
गुलदार की मौके पर ही मौत
ग्रामीणों के हमले में गुलदार की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, दूसरी ओर गंभीर रूप से घायल टेकवीर को उपचार के लिए काशीपुर में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने के बाद कालागढ़ से पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
साथ ही बिजनौर वन प्रभाग की नगीना वन रेंज के वन दारोगा सुनील राजौरा भी मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, ग्रामीणों ने वनकर्मियों को गुलदार का शव नहीं उठाने दिया।
बढ़ते ही जा रहे हैं जंगली जानवरों के हमले
फिलहाल देर शाम तक अधिकारी मौके पर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते रहे। इस संबंध में इस्लाम नगर ग्राम पंचायत के प्रधान गितेन्दर कुमार ने बताया कि इस घटना से पहले भी दोपहर में गुलदार ने रास्ते पर से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल सवार पर हमले की कोशिश की।
ग्रामीण जयकीरत सिंह, कैलाश सिंह, अनिल नेगी, हरपाल सिंह, प्रीतम सिंह रौतेला आदि का कहना है कि वन महकमे की लापरवाह कार्यशैली के चलते किसानों का जीना दूभर हो गया है। जंगली जानवरों के हमले बढ़ते ही जा रहे हैं।