किसानों की आर्थिकी का मुख्य आधार बनेगा सेब उत्पादन, रुकेगा पलायन
सेब उत्पादन पौड़ी जिले में किसानों की आर्थिकी का मुख्य आधार बनेगा। इससे रोजगार के लिए रहे लोगों के पलायन पर रोक भी लगेगी।
By Edited By: Updated: Thu, 12 Dec 2019 01:14 PM (IST)
कोटद्वार, जेएनएन। सेब उत्पादन पौड़ी जिले में किसानों की आर्थिकी का मुख्य आधार बनेगा। इससे रोजगार के लिए रहे लोगों के पलायन पर रोक भी लगेगी। केंद्र सरकार की मिशन एप्पल योजना के तहत पौड़ी जिले में उद्यान विभाग ने अलग-अलग स्थानों पर सेब बागान स्थापित करने के लिए पांच एकड़ भूमि का चयन किया है। चयनित भूमि में न सिर्फ सेब बागान स्थापित किए जाएंगे, बल्कि काश्तकारों को सेब बागान स्थापित करने की बेहतर तकनीक भी सिखाई जाएंगी।
प्रदेश सरकार ने मिशन एप्पल को सफल बनाने के लिए उद्यान नियमों में बदलाव किया है। पूर्व में जहां दो हेक्टेयर क्षेत्रफल तक के क्षेत्र में सेब बागान को मंजूरी मिलती थी, वहीं अब नई व्यवस्था के तहत एक हेक्टेयर से कम क्षेत्र में भी सेब बागान स्थापित किए जा सकते हैं। नियमों में हुए बदलाव के बाद उद्यान विभाग ने भी सेब बागान स्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिए।मिशन तहत चयनित भूमि
उद्यान विशेषज्ञ एसएन मिश्रा ने बताया कि उत्तराखंड में 2,5,318 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है। मिशन एप्पल योजना के तहत पौड़ी जिले में खिर्सू, थैलीसैण, क्यार्क, वीणा मल्ली (पोखड़ा), सिल्ली मल्ली (वीरोंखाल) व चैलूसैण (द्वारीखाल) में बागान स्थापित करने के लिए भूमि चयनित की गई है।अस्सी प्रतिशत मिलेगा अनुदान
सेब बागान स्थापना को प्रदेश सरकार अस्सी प्रतिशत धनराशि अनुदान के तौर पर देगी, जबकि काश्तकार को बीस प्रतिशत राशि स्वयं वहन करनी होगी। विशेषज्ञों की देखरेख में नैनीडांडा ब्लाक में सेब की पौध तैयार की जा रही है।
यह भी पढ़ें: विदेश की अच्छी नौकरी छोड़ पहाड़ की विरासत संजोने में जुटे पवन पाठक, पढ़िए पूरी खबरनरेंद्र सिंह (जिला उद्यान अधिकारी, पौड़ी) का कहना है कि सेब बागान स्थापना को भूमि चयनित करने के साथ ही लाभार्थियों का चयन कर दिया गया है। अधिक से अधिक काश्तकारों को सेब बागान स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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