Navratri: मुस्लिम भक्त ने रखी थी मां दुर्गा के इस मंदिर की नींव, सच्चे मन से मांगी मुराद होती है पूरी; दिलचस्प कहानी
Navratri 2024 मां दुर्गा के इस मंदिर की नींव एक मुस्लिम भक्त ने रखी थी। मंदिर की गुफा में आज भी माता की अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित होती रहती है। मंदिर में मां की शक्ति रूप की पूजा होती है। नवरात्रों के पर्व पर मंदिर में माता के भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। यह मंदिर नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य बारह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
महात्म्य
- खोह नदी के किनारे स्थित चट्टान में बनी एक गुफा में मां दुर्गा वास करती हैं।
- बताते हैं कि अंग्रेजों के शासनकाल में वर्ष 1917 में कोटद्वार से दुगड्डा के मध्य मोटर मार्ग निर्माण का कार्य शुरू हुआ।
- मोटर मार्ग निर्माण का जिम्मा अंग्रेजों की खच्चर कोर के ठेकेदार शफीकउल्ला खान को सौंपा गया।
- मार्ग निर्माण के दौरान दुगड्डा से करीब तीन किमी. पहले एक स्थान पर सड़क निर्माण कार्य में बाधाएं आने लगी।
- स्थिति यह हो गई कि जैसे ही सड़क पर निर्माण कार्य शुरू होता, कोई न कोई बाधाएं उत्पन्न हो जाती।
- लगातार हो रही बाधाओं के कारण सड़क निर्माण कार्य रुक गया।
- तब शफीकउल्ला खां को स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इस स्थान पर एक गुफा में देवी का वास है व देवी को प्रसन्न किए बिना कार्य सफल नहीं हो सकता।
- जिसके बाद शफीकउल्ला ने वहां एक छोटे से मंदिर का निर्माण कराया।
- साथ ही प्रसाद स्वरूप भंडारा भी आयोजित किया गया।
- इसके बाद सड़क निर्माण कार्य निर्विघ्न संपन्न हो गया।
ऐसे पहुंचे
- जनपद पौड़ी के अंतर्गत कोटद्वार नगर से तेरह किमी. दूर स्थित दुर्गा देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए कोटद्वार से हर वक्त बस व मैक्स सुविधा मुहैया रहती है।
- निजी वाहन से भी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
- कोटद्वार शहर रेल से भी जुड़ा है।
- दिल्ली के लिए कोटद्वार से सीधी रेल सेवा है।
मंदिर में माता साक्षात रूप में विराजमन हैं। मां की गुफा में अखंड जोत हमेशा प्रज्ज्वलित रहती है। माता के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती। -हर्षमणि थपलियाल, पुजारी, दुर्गा देवी मंदिर
मंदिर के कपाट वर्ष भर श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं। श्रद्धालु आसानी से माता के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में माता दुर्गा रूप में विराजमान हैं। -सुदीप बौंठियाल, संरक्षक सदस्य, दुर्गा देवी मंदिर