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NSA अजीत डोभाल ने पैतृक गांव में की पूजा, मंदिर में चढ़ाई डेढ़ लाख की भेंट

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने पैतृक गांव पहुंचे। यहां उन्होंने कुलदेवी की पूजा-अर्चना की। साथ ही मंदिर समिति को डेढ़ लाख रुपेय भी दान किए।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 22 Jun 2019 08:11 PM (IST)
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NSA अजीत डोभाल ने पैतृक गांव में की पूजा, मंदिर में चढ़ाई डेढ़ लाख की भेंट
पौड़ी गढ़वाल, जेएनएन। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार (एनएसए) अजीत डोभाल शनिवार को अपने पैतृक गांव पहुंचे और कुलदेवी की पूजा-अर्चना की। गांव में उन्होंने परिजनों और ग्रामीणों की कुशल क्षेम जानी। इस दौरान उन्होंने मंदिर समिति को डेढ़ लाख रुपये का दान भी दिया। इससे पहले डोभाल वर्ष 2014 में भी एनएसए नियुक्त होने के बाद कुलदेवी की पूजा के लिए गांव आए थे।

शुक्रवार देर शाम अजीत डोभाल, पत्नी अरुणा डोभाल और बेटे विवेक के साथ पौड़ी पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद वह शनिवार तड़के अपने पैतृक गांव पौड़ी जिले के घीड़ी के लिए रवाना हुए। यहां पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊं के साथ उनका भव्य स्वागत किया। डोभाल के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग भी घीड़ी पहुंचे। 

करीब एक घंटे मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने परिजनों और ग्रामीणों के साथ मुलाकात की। पहाड़ी वेशभूषा में पहुंचे डोभाल ने ग्रामीणों के साथ गढ़वाली बोली में वार्तालाप किया। करीब आधे घंटे तक उन्होंने परिजनों के साथ ही ग्रामीणों से बातचीत की। उनके चचेरे भाई और ग्राम प्रधान अजय डोभाल ने बताया कि अजीत आज गांव के ही नहीं, बल्कि देश का  गौरव हैं। उन्होंने बताया कि इतने बड़े पद पर आसीन होने के बावजूद वह आज भी जड़ों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि समय की कमी के कारण डोभाल अपने पैतृक घर में नहीं जा पाए और मंदिर से ही दिल्ली लौट गए।

स्थानीय निवासी कमल रावत ने बताया कि ग्रामीणों ने डोभाल से गांव से जुड़ी सड़क का डामरीकरण कराने का आग्रह किया। डोभाल ने आश्वासन दिया है कि इस दिशा में जल्द पहल करेंगे।

गौरतलब है कि अजीत डोभाल का जन्म वर्ष 1945 में घीड़ी गांव में हुआ था। कक्षा चार तक की शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में ली। इसके बाद अजमेर के सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया। आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उनका आइपीएस में चयन हुआ।

सेल्फी लेने की होड़

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसे ही मंदिर से पूजा-अर्चना कर प्रांगण में आए तो ग्रामीणों में उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गई।  सरल स्वभाव के डोभाल ने भी किसी को भी मायूस नहीं किया।

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