अब पर्यटकों के लिए खोला जाएगा ये खूबसूरत मार्ग, जरूर करें दीदार
अब जल्द ही पाखरो-मोरघट्टी वन मार्ग को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इस मार्ग पर डे-सफारी के रास्ता निकाला जा रहा है।
By Edited By: Updated: Sun, 24 Jun 2018 05:23 PM (IST)
कोटद्वार, [अजय खंतवाल]: कोटद्वार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के सोनानदी अभ्यारण की पाखरो रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र को भले ही पर्यटकों के लिए खोलने की अनुमति न दी हो, लेकिन उत्तराखंड शासन पाखरो रेंज में आने वाले पाखरो-मोरघट्टी वन मार्ग को पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बीते वर्ष नवंबर में कोटद्वार क्षेत्र से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जिन दो प्रवेश द्वारों को खोलने का एलान किया था, उनमें एक सोनानदी अभ्यारण में पड़ता है। अभ्यारण के आरक्षित वन क्षेत्र में एक ट्रैक को पर्यटकों के लिए खोला जाना था। यह ट्रैक पाखरो-मोटरघट्टी वन मार्ग के समानांतर आरक्षित वन क्षेत्र के भीतर गुर्जर स्त्रोत से होते हुए मोरघट्टी तक प्रस्तावित था। इसकी लंबाई करीब 12 किमी है, लेकिन एनटीसीए ने इस ट्रैक को खोलने की अब तक शासन को अनुमति नहीं दी।उधर, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कोटद्वार क्षेत्र में पड़ने वाले हल्दूपड़ाव जोन को बरसात के दौरान पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके चलते जहां कोटद्वार में स्थित कॉर्बेट रिसेप्शन सेंटर में वीरानी छा गई है, वहीं वन क्षेत्रों में सफारी के नाम पर जिप्सियां लेकर बैठे लोग भी घर बैठ गए हैं। सीटीआर के दरवाजे अब 15 नवंबर को खोले जाएंगे। इसी को देखते हुए वन महकमा बरसात के दौरान पाखरो-मोरघट्टी वन मार्ग को डे-सफारी के लिए खुलवाने की तैयारी में है।
मई में लिया गया था निर्णयमई में संपन्न हुई वन महकमे के उच्चाधिकारियों की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया था। कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के अंतर्गत आने वाले करीब 15 किमी लंबे इस वन मार्ग पर अब तक बरसात में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहती है।
जिप्सी वालों पर मेहरबान वन महकमावैसे कोटद्वार क्षेत्र में कोई भी जिप्सी संचालक ऐसा नहीं, जिस पर सीटीआर के गेट बंद होने से कोई फर्क पड़ने वाला है। बावजूद इसके सिस्टम इन जिप्सी संचालकों को लेकर चिंतित दिख रहा है। इसलिए बरसात में भी पाखरो-मोरघट्टी वन मार्ग को डे-सफारी के लिए खोलने का रास्ता निकाला जा रहा है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड का ये शहर बनेगा पर्यटन हब, होगी वेलनेस सिटी विकसितयह भी पढ़ें: अर्थशास्त्र के गुरु ने जल प्रबंधन से बंजर भूमि में उगाया सोना, कर रहे इतनी कमाई
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।