Pauri Accident : सिमड़ी बस दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच शुरू, 33 बरातियों की हुई थी मौत
Pauri Accident रिखणीखाल-बीरोंखाल मोटर मार्ग पर बरात की बस दुर्घटनाग्रस्त होने की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है। बस बीते मंगलवार को हरिद्वार जनपद के अंतर्गत कटेवड़ा (लालढांग) से बरात लेकर प्रखंड बीरोंखाल के अंतर्गत ग्राम कांडा तल्ला के लिए रवाना हुई।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : Pauri Accident : रिखणीखाल-बीरोंखाल मोटर मार्ग पर बरात की बस दुर्घटनाग्रस्त होने की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है। जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह ने परिवहन विभाग की टीम के साथ घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। बीते मंगलवार को जीएमओयू की बस हरिद्वार जनपद के अंतर्गत कटेवड़ा (लालढांग) से बरात लेकर प्रखंड बीरोंखाल के अंतर्गत ग्राम कांडा तल्ला के लिए रवाना हुई।
शाम करीब सात बजे रिखणीखाल-बीरोंखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी बैंड के समीप बस अनियंत्रित होकर करीब साढ़े तीन सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व फायर सर्विस ने संयुक्त राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
गुरुवार देर रात तक टीम ने 31 शवों को खाई से बाहर निकाल दिया। जबकि दो घायलों की मौत चिकित्सालय में हुई। दुर्घटना में 19 बराती घायल हुए। जिलाधिकारी ने तत्काल घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देते हुए थलीसैण तहसील के उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह को जांच सौंप दी। साथ ही 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इसी क्रम में शुक्रवार को उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी जयंत वशिष्ठ घटना स्थल सिमड़ी बैंड पहुंचे। प्रशासन व परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया व दुर्घटना के कारणों की पड़ताल की। जांच अधिकारी ने बताया कि मामले में प्रत्यक्षदर्शियों से बयान दर्ज करवाने को भी कहा है।
कमजोर पैराफिट ने तोड़ दी जीवन की डोर
सड़क किनारे बना पैराफिट सरकारी तंत्र की भ्रष्ट कार्यशैली का शिकार न हुआ होता तो मंगलवार शाम रिखणीखाल-बीरोंखाल मोटर मार्ग पर हुई बस दुर्घटना को टाला जा सकता था। सरकारी तंत्र ने पैराफिट निर्माण के नाम पर पैराफिट की बुनियाद खोदे बिना सड़क किनारे लोहे का ढांचा रख उसमें रेत, बजरी भर दिया। नतीजा, बस के टकराते ही पैराफिट अपने स्थान से खिसक गया और बस गहरे खड्ड में जा गिरी।
पर्वतीय क्षेत्रों में यदि सड़क किनारे पैराफिट मजबूत हों तो बड़ी दुर्घटनाओं को कुछ हद तक टाला जा सकता है। इसी कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़कों में कई जगह पैराफिट के स्थान पर लोहे की क्रश बैरियर लगाए हैं। मंगलवार को बीरोंखाल-रिखणीखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी बैंड में हुई बस दुर्घटना ने पर्वतीय क्षेत्रों में बनाए जा रहे पैराफिट की गुणवत्ता की कलई खोल कर रख दी।
बस जिस पैराफिट से टकरा कर खड्ड में गिरी, वह पैराफिट ही अपनी जगह से खिसक गया। स्पष्ट है कि पैराफिट निर्माण के नाम पर महज खानापूर्ति की गई व पैराफिट की बुनियाद बनाई ही नहीं गई। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि पर्वतीय क्षेत्र में सड़क निर्माणदायी संस्थाएं पैराफिट बनाने के नाम पर महज खानापूर्ति करती हैं।
ठेकेदारों ने पैराफिट बनाने के लिए लोहे के ढांचे बनाए हुए हैं। सड़क किनारे बुनियाद खोदे बिना ठेकेदार इस ढांचे को रख उसमें मसाला भर देते हैं। पैराफिट की बुनियाद न होने के कारण मंगलवार को जब बस पैराफिट से टकराई, वह पैराफिट पीछे को सरक गया और बस खड्ड में जा गिरी।
यह हैं पैराफिट निर्माण के मानक
- सड़क किनारे बनने वाले कंक्रीट के पैराफिट निर्माण को लेकर सड़क निर्माणदायी संस्थाएं उत्तर प्रदेश शासनकाल में जारी गाइडलाइन का अनुपालन करती हैं।
- इसके तहत पैराफिट निर्माण के लिए सड़क किनारे आठ से छह इंच गहरा गड्ढा खोदा जाता है।
- गड्डे की लंबाई तीन मीटर व चौड़ाई डेढ़ फुट होती है।
- इसमें दो फीट ऊंचा पैराफिट बनाया जाता है।
- पूर्व में इन पैराफिट में सरिया लगाने का प्रविधान नहीं था। लेकिन, अब क्रश बैरियर के साथ ही सरिया वाले पैराफिट भी बनने लगे हैं।
सुरक्षा पर परिवहन विभाग ने भी उठाए सवाल
मंगलवार को जिस सिमड़ी बैंड के समीप बस दुर्घटना हुई, वहां परिवहन विभाग ने भी सड़क पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी जयंत वशिष्ठ ने बताया कि घटनास्थल पर कोई भी क्रश बैरियर नहीं थी। साथ ही पर्याप्त संख्या में सड़क किनारे पैराफिट भी नहीं थे।
रिखणीखाल से दुनाव तक लगेगी क्रश बैरियर
लोक निर्माण विभाग की लैंसडौन इकाई के अधिशासी अभियंता प्रेम सिंह बिष्ट ने भी माना कि दुर्घटना स्थल पर पर्याप्त पैराफिट नहीं थे। बताया कि रिखणीखाल-बीरोंखाल के मध्य रिखणीखाल से दुनाव के मध्य क्रश बैरियर लगाए जाएंगे। बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।