Pauri News: बंदरों के झुंड के हमले से डरी महिला गिरी बुजुर्ग महिला, अस्पताल पहुंचाने से पहले हो गई मौत
अभी कई गांव ऐसे हैं जहां बंदर सुबह ही झुंड में धमक जा रहे हैं जिससे खतरे का अंदेशा बना हुआ है। धनाऊ मल्ला के ग्राम प्रधान कमल रावत का कहना है कि विकासखंड पौड़ी के तमलाग ल्वाली धनाऊ मल्ला तल्ला समेत कई गांवों में बंदरों का आतंक फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि इससे खेतों में कार्य करने वाली महिलाओं के लिए भी खतरे का अंदेशा बना हुआ है।
पौड़ी, जागरण संवाददाता: पौड़ी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा। तमलाग गांव में तो गुरुवार को बंदरों के हमले से बचने के चक्कर में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला आंगन से ही नीचे गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।
गुरुवार को सुबह के वक्त तमलाग गांव निवासी 85 वर्षीय बसंती देवी घर पर थी। इसी दौरान बंदरों का एक झुंड उनके घर के आसपास मंडराने लगा। महिला ने उन्हें भगाने का प्रयास किया, लेकिन बंदरों ने उन पर हमले का प्रयास किया, जिससे वह घबरा गई और अचानक अनियंत्रित होकर आंगन से नीचे गिर गई। हादसे में गंभीर घायल महिला को अस्पताल ले जाया जाता, इससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
बता दें कि इससे पहले भी जनपद के विभिन्न गांवों में बंदरों के हमले की घटना हो चुकी हैं। कुछ दिन पहले प्रगतिशील कृषक विद्या दत्त शर्मा ने बंदरों से खेती-बागवानी को नुकसान पहुंचाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर के समीम प्रतिमा स्थल पर धरना भी दिया था।
उस समय गढ़वाल वन प्रभाग की टीम ने बंदरों से निजात दिलाने का आश्वासन दिया था। वन विभाग ने मथुरा से बंदरों को पकड़ने वाली टीम को भी बुलाया था। टीम ने विकासखंड कल्जीखाल के सांगुडा, मिरचोड़ा आदि गांव से 70 बंदरों को पिंजरे में कैद कर लिया था, तो कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन बंदरों का आतंक कम नहीं हो रहा है।
कई गांवों में खतरे का अंदेशा
अभी कई गांव ऐसे हैं, जहां बंदर सुबह ही झुंड की शक्ल में गांवों में धमक जा रहे हैं, जिससे हर समय खतरे का अंदेशा बना हुआ है। धनाऊ मल्ला के ग्राम प्रधान कमल रावत का कहना है कि विकासखंड पौड़ी के तमलाग, ल्वाली, धनाऊ मल्ला, तल्ला समेत कई गांवों में बंदरों का आतंक फैला हुआ है।
उन्होंने बताया कि इससे खेतों में कार्य करने वाली महिलाओं के लिए भी खतरे का अंदेशा बना हुआ है। उन्होंने समस्या से निजात दिलाने की मांग वन विभाग से की। इधर, नागदेव रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन नेगी ने आश्वस्त किया कि गांव में बंदरों को पकड़ने के लिए शुक्रवार तक पिंजरा लगा दिया जाएगा।