Pauri: कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में हुई मूसलाधार वर्षा से भूस्खलन, खतरे की जद में दो गांव; पलायन को मजबूर
कोटद्वार। बीती आठ अगस्त की रात कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में हुई मूसलाधार वर्षा ने घाड़ क्षेत्र के तीन गांवों को विस्थापन के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। क्षेत्र की ग्रामसभा बल्ली व चौंडली में हुए भूधंसाव के कारण दोनों गांव खतरे की जद में आ गए हैं। ग्राम ग्वीराला भूस्खलन की जद में आ गया है।प्रशासन तीनों गांवों के विस्थापन की तैयारी में चल रहा है।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 13 Aug 2023 03:41 PM (IST)
जागरण संवाददाता, कोटद्वार। बीती आठ अगस्त की रात कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में हुई मूसलाधार वर्षा ने घाड़ क्षेत्र के तीन गांवों को विस्थापन के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। क्षेत्र की ग्रामसभा बल्ली व चौंडली में हुए भूधंसाव के कारण दोनों गांव खतरे की जद में आ गए हैं। उधर, ग्राम ग्वीराला भू-स्खलन की जद में आ गया है। प्रशासन तीनों गांवों के विस्थापन की तैयारी में चल रहा है।
विस्थापन की बाट जोह रहे लोग
प्रखंड दुगड्डा में घाड़ क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पुलिंडा सत्तर के दशक से ही विस्थापन की बाट जोह रहा है। लेकिन, आज तक गांव विस्थापित नहीं हो पाया। इधर, क्षेत्र में तीन और गांव विस्थापन की जद में आ खड़े हुए हैं। बीती आठ अगस्त की रात क्षेत्र में घाड़ क्षेत्र में प्रकृति ने जमकर तांडव मचाया। कहीं भूधंसाव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त किया तो कहीं भूस्खलन के चलते ग्रामीण रातोंरात घर छोड़ भागने की मजबूर हुए।
अतिवृष्टि से बल्ली, चौंडली व ग्वीराला में रास्ते टूटे
अतिवृष्टि के कारण ग्रामसभा बल्ली, चौंडली व ग्वीराला के विभिन्न तोक में तमाम रास्ते टूट गए हैं। पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। साथ ही ग्रामीणों के आवासों को भी नुकसान पहुंचा है। बल्ली के ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण मदन सिंह का बरामदा, दिलबर सिंह का शौचालय व सुशीला देवी की गौशाला भू-धंसाव से नष्ट हो गई है। गौशाला में बंधे दो गोवंश की भी मौत हुई।भूधंवास से आवास को भी खतरा
बताया कि गांव में करीब चालीस-पैंतालीस परिवारों के आवास भू-धंसाव की जद में हैं। कुछ यही स्थिति ग्राम सभा चौंडली की है। ग्राम प्रधान सुनील सिंह ने बताया कि गांव में मेहरबान सिंह व शेर अली के आवास भूधंसाव से क्षतिग्रस्त हुई हैं। साथ ही कुछ अन्य आवास भी खतरे की जद में हैं।ग्वीराला में भूस्खलन से बढ़ा खतरा प्रखंड दुगड्डा के ग्वीराला में आठ अगस्त की रात हुए भूस्खलन से ग्रामसभा में आठ परिवारों के लिए खतरा पैदा हो गया है। गाम प्रधान राखी रावत ने बताया कि ग्रामीण घरों को छोड़ खेतों में टैंट लगाकर रात काट रहे हैं।
बताया कि आठ अगस्त की रात गांव के ऊपर पहाड़ी में भूस्खलन शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है। बताया कि ग्रामीण गांव के भविष्य को लेकर परेशान हैं।ग्रामसभा - परिवारों की संख्या - प्रभावित परिवारों की संख्या - भूधंवास से हुई क्षति बल्ली - 168 - 45 - तीनचौंडली - 20 - आठ - दोग्वीराला - 18 - आठ - 00
बल्ली, चौंडली व ग्वीराला गांवों में आपदा प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। तीनों गांवों में ही भू-धंसाव व भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। संबंधित राजस्व उप निरीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है। जरूरत पड़ी तो गांवों के विस्थापन के संबंध में शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। -मंजीत सिंह, उपजिलाधिकारी (आपदा) कोटद्वार, गढ़वाल
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