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कोटद्वार में बारिश से जनजीवन प्रभावित, डेढ़ हजार यात्रियों ने सड़कों पर गुजारी रात

बारिश से कोटद्वार में जनजीवन प्रभावित हो गया है। नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा। जिससे रात भर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य करीब डेढ़ हजार यात्री फंसे रहे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 27 Aug 2018 09:41 AM (IST)
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कोटद्वार में बारिश से जनजीवन प्रभावित, डेढ़ हजार यात्रियों ने सड़कों पर गुजारी रात

कोटद्वार, पौड़ी [जेएनएन]: प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा। प्रशासन की ओर से वैकल्पिक मार्ग के रूप में ऐता-रामड़ी-पुलिंडा-कोटद्वार मार्ग को खुलवाने का प्रयास किया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी यह मार्ग नहीं खुल पाया। मार्ग बंद होने के कारण शनिवार को रात भर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य करीब डेढ़ हजार यात्री फंसे रहे। रविवार देर शाम इन यात्रियों को मैदानी क्षेत्र की तरफ निकाला गया। इधर, मार्ग बंद होने के कारण कोटद्वार का पर्वतीय क्षेत्रों से पूरी तरह संपर्क टूट गया।

शनिवार सुबह क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के दौरान कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य बाधित हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं खुल पाया। मार्ग बंद होने के कारण करीब डेढ़ हजार यात्री कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य फंस गए। शनिवार शाम प्रशासन की ओर से दुगड्डा से कोटद्वार की ओर आने वाले यात्रियों को ऐता-रामड़ी-पुलिंडा-कोटद्वार मार्ग से कोटद्वार की ओर लाने का प्रयास किया गया, लेकिन रामड़ी-पुलिंडा-कोटद्वार के मध्य सड़क की बदहाल स्थिति के कारण प्रशासन को रविवार सुबह यह निर्णय वापस लेना पड़ा। इस बीच, दो-ढाई सौ यात्रियों ने रामड़ी गांव में लोगों के घरों में रात काटी, जबकि कई यात्री घने जंगल के बीच गाड़ियों में रात काटने को मजबूर हुए। रविवार सुबह इन यात्रियों को वापस दुगड्डा की ओर भेज दिया गया। बाद में मैदानी क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्रियों को गुमखाल-सिलोगी-लक्ष्मणझूला मार्ग से हरिद्वार की ओर भेजा गया। इधर, रविवार को हुई बारिश से दुर्गा देवी के समीप भी सड़क पर बोल्डर गिरने से पूरी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। कोटद्वार की ओर आने वाले यात्री जान हथेली पर रख पैदल ही दुगड्डा से कोटद्वार के मध्य का सफर तय कर रहे हैं। इधर, सतपुली-गुमखाल के मध्य कुल्हाड़ के समीप हाईवे पर बड़े बोल्डर गिरने से यहां भी राजमार्ग बंद हो गया है। 

सुखरो नदी में फंसा युवक

शनिवार को घरों में भरा पानी पूरी तरह बाहर भी नहीं निकल पाया था कि रविवार को हुई बारिश ने एक बार फिर लोगों की मुसीबत बढ़ा दी। रविवार सुबह अचानक क्षेत्र में नदी-नालों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया व पानी लोगों के घरों में घुस गया। कई स्थानों पर एसडीआरएफ की टीम ने घरों से पानी बाहर निकाला। सुबह के वक्त सुखरो नदी की ओर शौच को निकले दो व्यक्ति नदी में फंस गए। प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद से दोनों लोगों को नदी से बाहर निकाला। 

सुचारू हुई विद्युत व पेयजल आपूर्ति

शनिवार को आई मूसलाधार बारिश के दौरान क्षेत्र में कई जगह विद्युत पोल बहने से लड़खड़ाई विद्युत आपूर्ति को रविवार शाम तक व्यवस्थित कर दिया। अधिशासी अभियंता आरआर सिंह ने बताया कि शनिवार को करीब तीन चौथाई हिस्से में विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई थी व अवशेष एक चौथाई हिस्से में रविवार को आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। उधर, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि पूरे क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति सुचारू हो गई है। बताया कि आपदा राहत शिविरों में टैंकरों के जरिये पेयजल सप्लाई दी जा रही है। बताया कि विद्युत आपूर्ति न होने के कारण जिन नलकूपों से आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। रविवार को आपूर्ति सुचारू होने के कारण नलकूपों को भी शुरू कर दिया गया है। 

लापता महिला का नहीं मिला सुराग

शनिवार को मूसलाधार बारिश के दौरान मोहल्ला आमपड़ाव से लापता हुई महिला का दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिल पाया। प्रशासन की ओर से पनियाली गदेरे के तेज बहाव में टूटे मकान के मलबे में महिला को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन रविवार शाम तक सफलता नहीं मिल पाई थी।

कमलेश मेहता (उपजिलाधिकारी, कोटद्वार) का कहना है कि बिगड़ी स्थितियों को नियंत्रित कर दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग को भी सोमवार तक खोल दिया जाएगा। प्रभावित क्षेत्रों में लगातार एसडीआरएफ कार्यरत है। प्रभावितों की समस्याओं के निस्तारण में कोताही नहीं बरती जाएगी।

एसडीएम ने जान पर खेलकर तीन मजदूरों की जिंदगी बचाई

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील के एसडीएम डा. पंकज कुमार वर्मा सुखरो नदी के उफान में बह रहे तीन मजदूरों को मौत के मुंह से वापस खींच लाए। एसडीएम उन्हें बचाने के लिए खुद ही नदी में उतर गए। उस वक्त वह नजीबाबाद-कोटद्वार मार्ग स्थित सुखरो नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त एप्रोच पर फौरी सुरक्षा कार्य करवा रहे थे।

पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण सुखरो नदी पर बना पुल खतरे की जद में आ गया है। तेज बहाव की वजह से पुल के दोनों तरफ एप्रोच वाले हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रविवार सुबह एसडीएम डॉ.पंकज कुमार वर्मा इस पुल का मुआयना करने पहुंचे। वह अपनी देखरेख में क्षतिग्रस्त एप्रोच के नीचे रेत से भरे कट्टे भरवा रहे थे। मजदूर नदी के मध्य में बने टापू से रेत के कट्टे भर कर ला रहे थे। तभी अचानक नदी का जलस्तर बढऩे लगा। देखते ही देखते नदी उफान पर आ गई और टापू पर रेत भर रहे सभी 18 मजदूर बहने लगे। इनमें से 15 मजदूर किसी तरह खुद को संभालते नदी के किनारे तक पहुंच गए, लेकिन उनके तीन साथी रईस, मोनिस व समीर नदी (निवासी लुकादड़ी) तेज बहाव की चपेट में आकर बहने लगे। 

यह देख एसडीएम और अन्य लोगों के हाथ-पांव फूल गए। इसी बीच, एसडीएम डा. वर्मा साहस दिखाते हुए खुद ही रस्सी से सहारे उफनती सुखरो नदी में उतर गए। काफी मशक्कत के बाद उन्होंने तीनों मजदूरों को बचा लिया। इसके बाद ही सभी राहत की सांस ली। 

सुखरो पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिजनौर जिला प्रशासन ने इस पुल पर व्यावसायिक वाहनों की वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है। इधर, जिलाधिकारी अटल कुमार राय व पुलिस अधीक्षक उमानाथ सिंह ने मौका मुआयना किया। डीएम ने तटबंध बनाकर नदी का बहाव मध्य में करने के निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी ने पुल के खतरे की जद में आने के बाद भी पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों कि मौके पर न पहुंचने पर नाराजगी जताई। कहा कि, उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेजी जाएगी। उन्होंने नदी के बहाव के कारण रेल पुल को हो रहे नुकसान का भी जायजा लिया। साथ ही रेल अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए। 

नदी में गिर रहे सीवर को जताई नाराजगी

जिलाधिकारी अटल कुमार रॉय ने सुखरो नदी में छोड़ी जा रही गंदगी पर नाराजगी जताई। उन्होंने पौड़ी के जिलाधिकारी सुशील कुमार से फोन पर वार्ता करके इसके लिए कदम उठाने की बात कही। 

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