Uttarakhand News: उत्तराखंड में बारिश का कहर, केदारनाथ हाईवे का 50 मीटर हिस्सा बहा, तीन मंजिला होटल हुआ ध्वस्त
Uttarakhandउत्तराखंड में आसमान से आफत बरस रही है। चारों ओर पानी और पहाड़ो का मलबा देखने को मिल रहा है। कहीं-कहीं हाईवे पानी के तेज बहाव में बह गया तो कई भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया है। पहाड़ों पर भारी बारिश से नदिया रौद्र रुप में हैं। चमोली में बदरीनाथ हाईवे गोविंदघाट बलदौड़ा के पास पहाड़ी से मलबा व बोल्डर आने से सुबह 850 से 1030 बजे तक अवरुद्ध रहा।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 09 Aug 2023 08:37 AM (IST)
गढ़वाल, जागरण संवाददाता। भारी वर्षा और भूस्खलन से प्रदेश में परेशानियां बरकरार हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में पत्थर व मलबा आने से अब भी 50 से अधिक मार्ग बंद हैं। इस कारण 150 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। चारधाम यात्रा मार्ग भी लगातार अवरुद्ध हो रहे हैं। नारायणकोटी के पास गौरीकुंड (केदारनाथ) हाईवे का 50 मीटर हिस्सा बह गया है, जबकि यमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट के पास भूस्खलन होने से आठ घंटे बंद रहा। इस कारण 300 तीर्थ यात्रियों के 50 से अधिक वाहन फंसे रहे।
बदरीनाथ हाईवे भी गोविंदघाट बलदौड़ा के पास डेढ़ घंटा अवरुद्ध रहा। टिहरी में तोता घाटी के पास भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ बदरीनाथ हाईवे अभी नहीं बन पाया है। यहां से यातायात को गजा होते हुए देवप्रयाग भेजा रहा है। गौरीकुंड हाईवे पर न्यालसू रामपुर में तीन मंजिला होटल चट्टान खिसकने से ध्वस्त हो गया। दरारें आने के कारण होटल इन दिनों बंद था।पौड़ी के दुगड्डा में भदालीखाल-मेरुवा मोटर मार्ग टूट गया। इसके मलबे से राजकीय प्राथमिक विद्यालय जखमलखोला का भवन धराशायी हो गया। मूसलधार वर्षा से पिछले 24 घंटे में काफी नुकसान हुआ। मंगलवार को यमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट के पास सुबह करीब 10 बजे भारी भूस्खलन हुआ। करीब आधा घंटे तक पहाड़ी से बड़े पत्थरों की बरसात हुई। इसके बाद रुक-रुक पत्थर गिरते रहे। ऐसे में शाम को छह बजे हाईवे सुचारु हो पाया। हाईवे अवरुद्ध होने से यमुना घाटी के 12 गांवों का भी जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
मलबा और भूस्खलन से रास्ते हैं बंद
चमोली में बदरीनाथ हाईवे गोविंदघाट बलदौड़ा के पास पहाड़ी से मलबा व बोल्डर आने से सुबह 8:50 से 10:30 बजे तक अवरुद्ध रहा। जिले में 27 सड़कें बंद होने से 65 से अधिक गांवों का सपंर्क कटा है। रुद्रप्रयाग से 45 किमी आगे खुमेरा और नारायणकोटी के बीच गौरीकुंड हाईवे का 50 मीटर हिस्सा बह गया। यहां पैदल आवाजाही के लिए ही मार्ग शेष रह गया है। एक पुलिया भी भूस्खनल की जद में है। भूस्खलन से हाईवे अगस्त्यमुनि के समीप भी क्षतिग्रस्त हुआ, इस कारण यहां दोपहर तीन बजे आवाजाही शुरू हो पाई।
तीन मंजिला होटल भरभराकर गिरा
गौरीकुंड हाईवे पर ही रुद्रप्रयाग से 65 किमी आगे न्यालसू रामपुर में सुबह 7:40 बजे तीन मंजिला होटल भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि उस दौरान होटल के आसपास कोई मौजूद नहीं था। होटल से सटी चट्टान खिसकने के कारण यह हादसा हुआ। होटल में 32 कमरे व एक रेस्टोरेंट था। इनमें 22 कमरे जर्जर स्थिति में थे। इस वर्ष यात्रा सीजन में सुरक्षित 10 कमरों में यात्रियों को रोका गया, लेकिन वर्षाकाल शुरू होते ही पूरा होटल बंद कर दिया गया था। इस कारण घटना के वक्त होटल में कोई मौजूद नहीं था।होटल स्वामी राजपाल सिंह निवासी रामपुर ने बताया कि वर्ष 2021 में आल वेदर रोड कटिंग के कारण होटल क्षतिग्रस्त हुआ था। मुआवाजे की मांग को लेकर होटल स्वामी ने दोपहर तक मलबा नहीं हटाने दिया। इससे हाईवे बाधित रहा। करीब 12 बजे तहसीलदार ऊखीमठ दीवान सिंह राणा मौके पर पहुंचे और भवन स्वामी से वार्ता कर मलबा हटवाया। प्रशासन ने भवन स्वामी को होटल खाली करने का नोटिस जारी किया था।
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