मानसून की दस्तक से गुलजार हुआ जंगल, बढ़ रही विदेशी पक्षियों की चहचाहट
हाथी बाघ के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों में इन दिनों विदेशी परिंदों की दस्तक बढ़ने लगी है। बरसात से पूर्व अप्रवासी पक्षी लैंसडौन वन प्रभाग को अपना ठिकाना बना रहे हैं। वन प्रभाग के जंगल नए मेहमानों की चहचाहट से गूंज रहे हैं।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Sat, 10 Jul 2021 07:27 PM (IST)
रोहित लखेड़ा, कोटद्वार: हाथी, बाघ के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों में इन दिनों विदेशी परिंदों की दस्तक बढ़ने लगी है। बरसात से पूर्व अप्रवासी पक्षी लैंसडौन वन प्रभाग को अपना ठिकाना बना रहे हैं। वन प्रभाग के जंगल नए मेहमानों की चहचाहट से गूंज रहे हैं। ऐसे में इन दिनों 'वर्ड वाचिंग' के लिए लैंसडोन वन प्रभाग की कोटद्वार, कोटड़ी व दुगड्डा रेंज से बेहतर जगह कोई नहीं है।
यूं तो हर मौसम में लैंसडौन वन प्रभाग में अप्रवासी पक्षियों का आना-जाना बना रहता है, लेकिन बरसात से पहले का मौसम विदेशी पक्षियों को काफी मोह रहा है। फिर चाहें अरुणाचल प्रदेश के बारटेल्ड ट्री कीपर हो या पाकिस्तान का ब्राउन फिश आउल, इंडोनेशिया की बार विंग्ड फ्लाई कैचर स्राइक हो, लैंसडौन वन प्रभाग के जंगल इन दिनों हर ओर अप्रवासी प्रक्षियों की चहचहाहट सुनाई दे रही है। माना जा रहा है कि कई हिस्सों में लगातार बढ़ रही गर्मी व उमस के चलते विभिन्न प्रजाति के पक्षियों ने लैंसडौन वन प्रभाग को अपना अस्थायी प्रवास बनाना शुरू कर दिया है। प्रभाग के जंगलों में अलग-अलग रंग-रूप के परिंदों के दीदार हो रहे हैं। प्रभाग के जंगलों में रेड बिल्ड लियोथ्रेक्स, ब्लैक स्ट्रोक, ग्रे हेडेड केनरी फ्लाई कैचर, ब्राउन हैडेड बारबेट, स्पॉटेड फ्रॉकटेल जैसे कई अन्य प्रजातियों के पक्षी प्रभाग में नजर आने लगे हैं। इनके अलावा ग्रे हार्नबिल्स, मलार्ड, नार्दन शॉवलर, पाइड किंगफिशर, क्रिस्टेड किंगफिशर, इंडियन स्कोप्स ऑउल, क्रिमिशन सन वर्ड, नटहैच सहित कई अन्य पक्षियों की प्रजातियां आसानी से देखी जा रही हैं।
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अन्य पक्षियों के आने की उम्मीद उम्मीद जताई जा रही है कि अभी वन प्रभाग में विदेशी पक्षियों की तादात और बढ़ सकती है। विशेषज्ञों की माने तो वन प्रभाग में जल्द ही स्नोई ब्राउड फ्लाई कैचर, चेस्टनट हेडेड तिसिया, ग्रे वेलेड तिसिया, ग्रीन टेल सन वर्ड, ब्राउन डिपर, स्लेटी ब्लू फ्लाई कैचर, रुफस जार्जेट फ्लाई कैचर, पलाश ईगल, फिश ईगल, लांग बिल्ड थ्रस, रुबी थ्रॉट, ब्लैक स्ट्रोक, मरगेंजर की चहचहाहट भी सुनाई देगी।
पक्षी प्रेमियों के लिए मौका लैंसडौन वन प्रभाग इन दिनों पक्षी प्रेमियों के लिए किसी 'स्वर्ग' से कम नहीं। पक्षी जानकार राजीव बिष्ट कहते हैं कि अन्य स्थानों पर जहां बर्डिंग मौसम पर निर्भर है, लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों में वर्ष भर बर्डिंग की जा सकती है। पिछले कुछ वर्षो से पक्षी प्रेमी भी पक्षियों के दीदार के लिए लैंसडौन वन प्रभाग की ओर अपना रूख कर रहे हैं। भारत के साथ ही अन्य देशों में वार्ड वाचिंग के लिए लैंसडौन वन प्रभाग को सबसे बेहतर स्थान माना जाता है।
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