Uttarakhand Accident: बस में थी तकनीकी खराबी, दूल्हे की कार के चालक का दावा, जुगाड़बाजी कर बस चला रहा था चालक
दुल्हन पक्ष के लोगों ने अंधेरा होने पर बरात गांव में लाने की बात कही जिसके बाद दुल्हन के घर से करीब 20 किलोमीटर पहले रिखणीखाल में सभी बराती चाय-नाश्ता करने के बाद करीब पौने सात बजे गांव की ओर चलने लगे।
By Jagran NewsEdited By: Sumit KumarUpdated: Thu, 06 Oct 2022 04:39 PM (IST)
संवाद सूत्र, लालढांग : पौड़ी गढ़वाल के सिमड़ी में तकनीकी खामियों के चलते बरात की बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। बरात में जीएमओ की बस के आगे चल रही दूल्हे की कार के चालक धर्मेंद्र उपाध्याय ने बुधवार को लालढांग लौटने पर यह जानकारी दी। बताया कि बरात समय से पहुंच चुकी थी। लेकिन, दुल्हन पक्ष के लोगों ने अंधेरा होने पर बरात गांव में लाने की बात कही, जिसके बाद दुल्हन के घर से करीब 20 किलोमीटर पहले रिखणीखाल में सभी बराती चाय-नाश्ता करने के बाद करीब पौने सात बजे गांव की ओर चलने लगे। कार के चालक धर्मेंद्र ने बताया कुछ दूरी पर उनकी कार के आगे अचानक सांप आ गया।
जुगाड़बाजी कर बस चला रहा था चालकसांप को बचाने के लिए उन्होंने ब्रेक लगाए तो उनके पीछे चल रही बरात की बस उनको ओवरटेक कर आगे निकल गई। करीब पांच सौ मीटर चलने के बाद बस चालक की तरफ का पट्टा टूटने से बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। बकौल धर्मेंद्र उपाध्याय बस पहले से ही खराब थी। बस चालक जुगाड़बाजी कर बस चला रहा था। रिखणीखाल में चालक ने बस को मिस्त्री को भी दिखाया। लेकिन, बस चालक ने लापरवाही कर बस की तकनीकी दिक्कत दूर करने के बजाय बरातियों को बरात स्थल पर छोड़कर बाद में मिस्त्री के पास आकर बस में आ रही खामी को सही कराने का मन बनाया। उसकी यही लापरवाही इतने लोगों की मौत का कारण बन गई। कहा कि अगर बस चालक रिखणीखाल में ही बस की तकनीकी दिक्कत को दुरुस्त करवा लेता तो इतना बड़ा भीषण हादसा नहीं होता।
चंद्र प्रकाश के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
लालढांग : वन विकास निगम में कार्यरत गाजीवाली निवासी चंद्रप्रकाश के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। मंगलवार को हरिद्वार के लालढांग से पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लाक के सिमड़ी गांव के समीप बरात की बस दुर्घटना में उनके दो बेटे, बहु और चार वर्षीय नाती की मौत हो गई। बुधवार सुबह रेस्क्यू टीम को उनके बड़े बेटे सतीश (36) व छोटे बेटे अनिल (29) और चार वर्षीय नाती का शव मिला। जबकि खबर लिखे जाने तक सतीश की पत्नी बरखा का शव नहीं मिल पाया था। वहीं एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की सूचना मिलते ही आसपास के लोग पीड़ित परिवार के घर सांत्वना देने पहुंचे। पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन हो गया। चंद्रप्रकाश के दो बेटे और दो बेटियां है। दोनों बेटे विवाहित थे। बड़ा भाई सतीश सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था तो छोटा बेटा अनिल निजी कंपनी में कार्यरत था। दोनों बेटों की मौत के बाद अब चंद्रप्रकाश अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। उनकी पत्नी एवं छोटी बहू का रो-रो कर बुरा हाल है।
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