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Kotdwar News: गजब! कोटद्वार नगर निगम में फर्जी बिल बना डकार ली लाखों की धनराशि, दो के खिलाफ मामला दर्ज

Uttarakhand Crime News कोटद्वार नगर निगम में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। फर्जी पत्रावलियां बना एक महिला ठेकेदार को लाखों का भुगतान कर दिया। नगर निगम में पंजीकृत न होने के बावजूद एक ठेकेदार के नाम पर भी डकार दी धनराशि।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Fri, 14 Oct 2022 08:51 PM (IST)
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कोटद्वार नगर निगम कार्यालय, जहां निर्माण कार्यों के नाम पर घोटाले कर दिए गए। जागरण
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : Kotdwar News बीते वर्ष कोटद्वार नगर निगम के खाते से गायब हुई 22 लाख की धनराशि संबंधी मामले का पटाक्षेप भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर निगम में नया घोटाला हो गया।

फर्जी दस्तावेज तैयार किया भुगतान

इस मर्तबा जहां एक ओर फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक महिला ठेकेदार को लाखों के बिलों का भुगतान कर दिया गया, वहीं तीन चेकों के माध्यम से भी लाखों की धनराशि डकार ली गई। नगर आयुक्त की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने दो के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है।

कोतवाली में दी गई तहरीर

नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी की ओर से इस संबंध में कोतवाली में तहरीर दी गई। तहरीर में कहा गया है कि निगम की बैलेंस शीट तैयार करने के दौरान यह बात सामने आई कि निगम में कूटरचित चेक बनाकर 23.89 लाख के सरकारी धन का गबन किया गया।

कहा गया है कि नगर निगम में एक महिला ठेकेदार को 2021 में पंजीकृत किया गया। इस ठेकेदार को उस कार्य का भुगतान किया गया, जिस कार्य का भुगतान 2019 में किशोर कुमार को किया जा चुका था।

फर्जी हस्ताक्षरों से तैयार किए बिल

भुगतान से पूर्व फर्जी तरीके से इस महिला ठेकेदार का नाम 2019 की निविदादाता सूची में अंकित किया गया। साथ ही अवर अभियंता के फर्जी हस्ताक्षरों से बिल तैयार कर 17 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया गया।

एक अन्य मामले में अखिलेश कुमार के नाम से एक चेक काटा गया, जिसका भुगतान बैंक से लिया गया। जबकि नगर निगम में अखिलेश कुमार के नाम से कोई ठेकेदार पंजीकृत नहीं है।

विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज

तहरीर में यह भी कहा गया है कि मोहम्मद आसिफ के नाम से भी दो चेक काटे गए, जिनका भुगतान भी सीधे बैंक से लिया गया। जबकि मोहम्मद आसिफ ने उन्हें किसी भी तरह का भुगतान होने से इन्कार किया। कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि दी गई तहरीर के आधार पर ठेकेदार सुमिता देवी व पंकज रावत के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर दिया गया है।

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इस तरह हुए घोटाले

  1. नगर आयुक्त की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया है कि आदर्श कालोनी, पदमपुर (सुखरो) में सीसी मार्ग निर्माण से संबंधित एक पत्रावली तैयार की गई। इस कार्य की निविदा 10 अक्टूबर 2018 को हुई थी। जबकि महिला ठेकेदार सुमिता देवी ने 26 अप्रैल 2021 को पंजीकरण करवाया। पत्रावली की तकनीकी विड तुलनात्मक सीट में पांचवें स्थान पर सुमिता देवी का नाम दर्ज कर दिया गया। साथ ही उनकी दर 0.57 प्रतिशत कम दिखाई गई। जबकि निविदा निकाले जाने की तिथि में सुमिता देवी निगम में पंजीकृत नहीं थी। साथ ही तुलनात्मक सीट में निविदादाताओं के विवरण में किशोर कुमार की दर को न्यूतनम दर्शाने के लिए उनके नाम के आगे लाल निशान लगा दिया गया। पत्रावली में अवर अभियंता के फर्जी बिल भी लगाए गए और दो जून 2021 को चेक के जरिये सुमिता देवी को 17,73,866 रुपये का भुगतान कर दिया गया। जबकि इस कार्य का भुगतान 24 सितंबर 2019 को किशोर कुमार को किया जा चुका था।
  2. तीन अप्रैल 2021 को अखिलेश कुमार के नाम से 1,79,400 रुपये की धनराशि का एक चेक जारी कर बैंक से भुगतान लिया गया। जांच में पता चला कि इस नाम का कोई ठेकेदार नगर निगम में पंजीकृत नहीं है। साथ ही ठेकेदार से संबंधित कोई पत्रावली निगम में मौजूद नहीं थी और न ही उक्त धनराशि का विवरण भुगतान पंजिका में मिला।
  3. मोहम्मद आसिफ के नाम से पांच मई 2021 को 2,25,499 रुपये और एक जून 2021 को 2,10,819 रुपये की धनराशि के दो चेक जारी किए गए। दोनों का भुगतान बैंक से कैश में लिया गया। जांच के दौरान जब आसिफ से इन चेकों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उनके द्वारा 2018 से 2021 के मध्य आठ निर्माण कार्य करवाए गए। लेकिन, उनके नाम से काटे गए दोनों चेकों का भुगतान न तो उन्हें नकद दिया गया और न ही उनके खाते में धनराशि डाली गई।
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