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Uttarakhand Forest Fire: फिर सुलगे जंगल, धुएं से घुट रहा दम; हल्‍द्वानी में धधका चिड़ियाघर का जंगल

Uttarakhand Forest Fire गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। तीन दिन पूर्व हुई वर्षा से जंगलों में विकराल हुई आग ठंडी पड़ गई थी। लेकिन दो दिन से लगातार चढ़ रहे पारे से एक बार फिर जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई है। वहीं गौलापार स्थित चिड़ियाघर का जंगल चपेट में आ गया।

By Ajay khantwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 16 May 2024 12:26 PM (IST)
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Uttarakhand Forest Fire: चारों ओर फैले धुएं से आसपास के ग्रामीणों का सांस लेना भी दूभर हो गया था।

संवाद सहयोगी, जागरण, कोटद्वार: Uttarakhand Forest Fire: तीन दिन पूर्व हुई वर्षा से जंगलों में विकराल हुई आग ठंडी पड़ गई थी। लेकिन, दो दिन से लगातार चढ़ रहे पारे से एक बार फिर जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई है।

बुधवार को देवीखाल-गुमखाल के मध्य जंगलों में भीषण आग लगी थी। चारों ओर फैले धुएं से आसपास के ग्रामीणों का सांस लेना भी दूभर हो गया था। यही नहीं, धुआं राष्ट्रीय राजमार्ग से आवाजाही करने वाले वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत कर रहा था।

लगातार धधक रहे जंगल

गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अप्रैल माह के अंत से ही लगातार जंगल धधक रहे थे। स्थिति वन विभाग के कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी। ऐसे में तीन दिन पूर्व हुई वर्षा ने जंगलों की आग को शांत किया।

लेकिन, अब दोबारा पारा चढ़ने के साथ ही जंगलों में आग की घटना बढ़ने लगी हैं। देवीखाल-गुमखाल के मध्य आग लगने से कई हेक्टेयर क्षेत्र में फैली वन संपदा जलकर खाक हो गई। आग गांव व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तक न पहुंचे। इसके लिए ग्रामीण आसपास के क्षेत्र में चीड़ की पत्तियों को साफ करते हुए नजर आए। धुएं के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग में भी गहरी धुंध छाई हुई थी।

खतरे में प्राकृतिक स्रोत

जंगलों में आग लगने से प्राकृतिक स्रोतों पर भी खतरा मंडराने लगा है। देवीखाल से गुमखाल के मध्य कई गांव में पानी का फोर्स कम हो गया है। ऐसे में यदि आग इसी तरह लगी रहेगी तो पेयजल संकट और अधिक गहरा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में कई प्राकृतिक स्रोत तो पूरी तरह खत्म हो गए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीणों के लिए प्राकृतिक स्रोत से ही पेयजल योजना बनाई गई है।

रात में धधका चिड़ियाघर का जंगल, वनकर्मी मौके पर

हल्द्वानी : छह दिन की राहत के बाद बुधवार को वन विभाग के लिए फिर से चुनौती का दौर शुरू हो गया। पहले रामनगर डिवीजन की देचौरी रेंज में आग लगी तो रात में गौलापार स्थित चिड़ियाघर का जंगल चपेट में आ गया। देर रात तक वन विभाग की टीम आग पर काबू पाने में जुटी हुई थी।

नौ मई के बाद से कुमाऊं के जंगलों मे आग का एक भी मामला सामने नहीं आया था। जबकि इससे पूर्व लगातार स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी, जिस वजह से वन विभाग संग ग्रामीण भी परेशान नजर आए। वहीं, वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डा. विनय कुमार भार्गव ने बताया कि बुधवार को देचौरी रेंज के धमोला कक्ष के जंगल में आग लगी थी।

कड़ी मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने यहां आग पर काबू पाया। मगर देर रात गौलापार स्थित प्रस्तावित चिड़ियाघर के जंगल में आग लग गई। सूखेपन के कारण देखते-देखते लपटें बढ़ती चली गई। वहीं, सूचना पर गौला रेंज की टीम मौके पर पहुंची। रेंजर चंदन अधिकारी ने बताया कि वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हुए हैं।

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