Pithoragarh: पहाड़ में सूखे से धधकने लगे जंगल, बारिश बनी इसका मुख्य कारण; किसान भी हैं परेशान
Pithoragarh पिथोरागढ़ में कम बारिश अब परेशानी का सबब बन गई है। शीतकालीन बारिश अब नहीं होने से पहाड़ के जंगल धधकने लगे हैं। जिला मुख्यालय के नजदीक चंडाक क्षेत्र के जंगलों में बीती रात्रि भीषण आग लग गई। जनपद में पिछले कुछ वर्षों से अब शीतकाल में भी वनाग्नि के मामले सामने आने लगे हैं। अक्टूबर माह से जिले में बारिश नहीं हुई है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 19 Dec 2023 02:56 PM (IST)
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़। शीतकालीन बारिश अब नहीं होने से पहाड़ के जंगल धधकने लगे हैं। जिला मुख्यालय के नजदीक चंडाक क्षेत्र के जंगलों में बीती रात्रि भीषण आग लग गई। जंगल कई घंटे तक जलता रहा। जिले में वनाग्नि का खतरा बढ़ रहा है। पिथौरागढ़- चंडाक रोड में मुख्यालय से चार किमी दूर जेल बैंड से लगे जंगलों में बीती रात्रि आग लग गई।
थोड़े से हिस्से में लगी आग कुछ ही देर में आग ने बड़े क्षेत्र को चपेट में ले लिया। आग की भीषण लपटें जिला मुख्यालय से भी देखी गई। तीन घंटे तक जंगल धधकता रहा। रात्रि लगभग दस बजे पाला गिरने के साथ जंगल की आग शांत हुई।
जंगलों में बढ़ गया है आग का खतरा
जनपद में पिछले कुछ वर्षों से अब शीतकाल में भी वनाग्नि के मामले सामने आने लगे हैं। अक्टूबर माह से जिले में बारिश नहीं हुई है। जिससे जंगलों की नमी कम हो गई है। जंगलों में प्राकृतिक जल स्रोत, चाल-खाल आदि भी सूख रहे हैं।नमी का स्तर बेहद कम हो जाने से जंगलों में आग का खतरा बढ़ गया है। अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं होने पर वनाग्नि के मामले बढ़ने की आशंका है। इस आशंका को देखते हुए वन विभाग ने कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया है। जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी शुरू किये जायेंगे।
गेहूं, मसूर पर भी पड़ रहा है असर
बारिश नहीं होने से फसलों पर भी असर दिखने लगा है। गोरंगघाटी के काश्तकार लक्ष्मण सिंह ने बताया कि गेहूं और मसूर के पौधों की बढ़त धीमी हो गई है। कुछ स्थानों पर पौधे पीले पढ़ने लगे हैं। खेती के लिए वर्षा जल पर निर्भर गांवों में सब्जी का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है।सूखे की चपेट में जिला
किसानों ने जल्द बारिश नहीं होने पर फसलों के सूखे की चपेट में आने की आशंका जताई है। जिले में अभी सूखे जैसी स्थिति नहीं है। खेतों में नमी का स्तर बना हुआ है। अगले 15 दिनों में बारिश नहीं होने पर फसलें प्रभावित हो सकती हैं। - ऋतु टम्टा, मुख्य कृषि अधिकारी पिथौरागढ़
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