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बढ़ी 'आदि कैलास' व 'ऊं पर्वत' पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की तादात, इस साल भारत भूमि से दर्शन करने वालों ने तोड़े रिकॉर्ड

Uttarakhand Tourism प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दर्शन के बाद आदि कैलाश और ऊं पर्वत की यात्रा करने वालों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। इस वर्ष 31 हजार से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक इन पवित्र स्थलों पर पहुंचे। कुमाऊं मंडल विकास निगम और निजी टूर ऑपरेटर यात्रा का संचालन कर रहे हैं। अगले वर्ष यात्रियों की संख्या 50 हजार से अधिक पहुंचने की उम्मीद है।

By ramesh garkoti Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 13 Nov 2024 03:42 PM (IST)
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Uttarakhand Tourism: श्रद्धालुओं और पर्यटकों की तादातपिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना बढ़ी। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, जागरण, पिथौरागढ़। Uttarakhand Tourism: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शनों के बाद यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की तादात में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई है। इस वर्ष इन दोनों स्थलों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की तादात में पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है।

पिछले वर्ष 12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि कैलास और ऊं पर्वत के दर्शनों के लिए आये थे। उन्होंने इस स्थान को लाजवाब बताते हुए ट्वीट किया था, इस ट्वीट को वालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सहित तमाम हस्तियों ने रि-ट्वीट किया। इसके बाद आदि कैलास और ऊं पर्वत देश और दुनिया भर में छा गये।

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इस वर्ष यह आंकड़ा 31 हजार पहुंच गया

पिछले वर्ष आदि कैलास और ऊं पर्वत आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 10 हजार के आसपास थी, इस वर्ष यह आंकड़ा 31 हजार पहुंच गया। यात्रा अप्रैल माह में शुरू हुई थी और जुलाई माह में मानसून काल को देखते हुए यात्रा को बंद कर दिया गया था।

एक अक्टूबर से पुन: यात्रा का संचालन शुरू हुआ। अप्रैल माह से नवंबर 15 तक करीब 140 दिन यात्रा का संचालन हुआ। इस वर्ष दारमा वैली पहुंचने वाले पर्यटकों का आंकड़ा भी आठ हजार से ऊपर रहा।

निगम सहित निजी टूर आपरेटर कर रहे हैं यात्रा का संचालन

पिथौरागढ़: आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शन यात्रा कुमाऊं मंडल विकास निगम सहित निजी टूर आपरेटर संचालित कर रहे हैं। कई यात्री निजी रूप से भी यात्रा पर जा रहे हैं। यात्रा के चलते इस वर्ष उच्च हिमालय में होम स्टे संचालक और टैक्सी संचालकों को अच्छा फायदा हुआ।

अब मार्ग में जगह-जगह छोटे-छोटे ढाबे भी खुलने लगे हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। अगले वर्ष यात्रियों की तादात 50 हजार से अधिक पहुंचने की उम्मीद है। यात्रियों की संख्या को देखते हुए अगले एक वर्ष में आवास की व्यवस्थाओं को बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

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34 यात्रियों ने हैली यात्रा से किये मुख्य कैलास के दर्शन

पिथौरागढ़: भारत से तिब्बत के लिए होने वाली कैलास यात्रा बंद होने से इस वर्ष यात्रियों को भारत में स्थित ओल्ड लिपू से ही कैलास के दर्शन कराये गये। इसके लिए हैली यात्रा उत्तराखंड पर्यटन विभाग और कुमाऊं मंडल विकास निगम ने संचालित की।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान के आठ यात्रा ग्रुप को हैलीकाप्टर से नैनीसैनी एअरपोर्ट से गुंजी ले जाया गया। जहां से उन्हें ओल्ड लिपू ले जाकर कैलास के दर्शन कराये।

तीन दिन की इस यात्रा में यात्रियों ने एक दिन पिथौरागढ़ में और दो दिन गुंजी में रात्रि विश्राम किया। जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ती आर्य ने बताया एक यात्री का यात्रा खर्च 80 हजार रूपये निर्धारित किया गया था।

उच्च हिमालय से अब मध्य हिमालय में शिफ्ट होगा टूरिज्म

पिथौरागढ़: शीतकाल में उच्च हिमालय में हिमपात की संभावनाओं को देखते हुए 15 नवंबर से आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शन यात्रा की लानलाइन बुकिंग बंद हो जायेगी। इसी के साथ अब टूरिज्म सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित मुनस्यारी और इससे कुछ कम ऊंचाई पर बसे बेरीनाग में शिफ्ट होगा।

बंगाली पर्यटन इन दोनों स्थानों में पहुंचने लगे हैं। 31 दिसंबर तक बेरीनाग और मुनस्यारी से पर्यटकों से पैक रहेंगे। कुमाऊं मंडल विकास निगम और मुनस्यारी के पर्यटन कारोबारियों ने पर्यटन सीजन के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

होटल एसोसिएशन के देवेंद्र देवा ने बताया कि बंगाली पर्यटक मुनस्यारी पहुंचने लगे हैं। 31 दिसंबर के लिए भी बुकिंग होने लगी हैं। कुमाऊं मंडल विकास निगम ने खलियाटॉप और बेटुलीधार में स्नो स्कीइंग की योजना बनाई है।

आदि कैलास और ऊं पर्वत के दर्शनों के लिए इस बार 31 हजार इनर लाइन परमिट जारी किये गये हैं। मानसून काल में भारी बारिश के चलते यात्रा को बंद करना पड़ा था। आने वाले वर्षों में यात्रियों की तादात में ओर इजाफा होने की पूरी उम्मीद है। 15 नवंबर से यात्रा के लिए लानलाइन परमिट जारी नहीं किये जायेंगे। - मंजीत सिंह, उपजिलाधकारी, धारचूला

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