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Uttarakhand: भू-कानून और मूल निवास के बाद अब उठी चकबंदी की मांग, सरकार जल्द ले एक्शन

Uttarakhand पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भू-कानून मूल निवास के साथ ही साथ राज्य के पर्वतीय जिलों में चकबंदी कराये जाने की मांग उठाई है। मोहन चंद्र भट्ट ने कहा कि बाहरी लोग तेजी से जमीन खरीद रहे हैं इससे स्थानीय लोगों के समक्ष परेशानियां खडी होंगी। जमीनें राज्य की पहचान का संकट खड़ा होगा। भूमि नहीं बचेगी तो पहाड़ों में पलायन की समस्या गंभीर रूप लेगी।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Sat, 30 Dec 2023 12:11 PM (IST)
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भू-कानून और मूल निवास के बाद अब उठी चकबंदी की मांग

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भू-कानून, मूल निवास के साथ ही साथ राज्य के पर्वतीय जिलों में चकबंदी कराये जाने की मांग उठाई है। संघ ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया है। बार संघ के अध्यक्ष मोहन चंद्र भट्ट ने कहा है कि पहाड़ में जमीन सीमित है।

मोहन चंद्र भट्ट ने कहा कि बाहरी लोग तेजी से जमीन खरीद रहे हैं, इससे स्थानीय लोगों के समक्ष परेशानियां खडी होंगी। जमीनें राज्य की पहचान का संकट खड़ा होगा। उन्होंने कहा पहाड़ों में लोग सदियों से भूमि से अपनी आजीविका चलाते रहे हैं। भूमि नहीं बचेगी तो पहाड़ों में पलायन की समस्या गंभीर रूप लेगी। उन्होंने अविलंब भू-कानून की जरूरत बताई।

मूल निवास बेहद जरूरी

मोहन चंद्र भट्ट ने कहा कि स्थायी निवास की जगह मूल निवास बेहद जरूरी है। बार संघ अध्यक्ष मोहन भट्ट ने कहा कि इन दोनों मसलों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में चकबंदी लागू की जानी बेहद जरूरी है। पहाड़ में कृषि भूमि बहुत कम है। थोड़ी सी जमीन भी एक साथ न होकर फैली हुई है। इससे कृषि लाभकारी नहीं हो पा रही है।

ऐसे सुधरेगी कृषि की स्थिति

मोहन चंद्र भट्ट ने कहा कि चकबंदी से काश्तकारों की भूमि एक साथ हो जाने से कृषि की स्थिति सुधरेगी और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने पहाड़ों में अविलंब चकबंदी कराये जाने की मांग की है।

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