पीएम के दौरे के बाद बाढ़ नियंत्रण टीमों के पिथौरागढ़ पहुंचने का सिलसिला हुआ तेज, कराए जाएंगे बाढ़ नियंत्रण कार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शनों के बाद उच्च हिमालय क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर राज्य और केंद्र सक्रिय हो गए है। प्रदेश में जहां इस क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों की लगातार समीक्षा हो रही है और नई योजनाओं का खाका खींचा जा रहा है वहीं अब केंद्रीय टीमें भी सीमांत क्षेत्र में पहुंचने लगी है।
By ramesh garkotiEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 22 Oct 2023 01:03 PM (IST)
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शनों के बाद उच्च हिमालय क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर राज्य और केंद्र सक्रिय हो गए है। प्रदेश में जहां इस क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों की लगातार समीक्षा हो रही है और नई योजनाओं का खाका खींचा जा रहा है वहीं अब केंद्रीय टीमें भी सीमांत क्षेत्र में पहुंचने लगी है।
काली नदी के संभावित बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण पूरा
केंद्रीय गंगा बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की तीन सदस्यीय टीम उच्च हिमालय क्षेत्र से लेकर धारचूला तक काली नदी के संभावित बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण पूरा कर पिथौरागढ़ पहुंच गई है। नियंत्रण बोर्ड की टीम बाढ़ के खतरे के संभावित क्षेत्र पर विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी।
सिंचाई विभाग के मुताबिक, धारचूला से लेकर गुंजी तक काली नदी के किनारे कई स्थानों पर बाढ़ सुरक्षा के कार्य कराए जाने है। इस पर करीब 200 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च होगी।
धारचूला के आसपास बाढ़ सुरक्षा कार्य जारी
वर्तमान में धारचूला तहसील मुख्यालय के आसपास बाढ़ सुरक्षा के कार्य तेजी से चल रहे हैं। यह कार्य राज्य स्तर से कराए जा रहे हैं, अब केंद्र से बाढ़ सुरक्षा के लिए धनराशि मिलने की उम्मीद है। बाढ़ सुरक्षा के कार्य वर्ष 2024 में शुरू होंगे। इससे नदी के किनारे बसी बस्तियों के लोगों को मानसून कल में खतरा नहीं रहेगा।
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