Chaitra Navratri 2024: संतान सुख प्रदान करती हैं झूला झूलने वाली हिंगला देवी, पाकिस्तान में स्थित मंदिर से संबंध
Chaitra Navratri 2024 बाज बुराश व काफल के घने जंगल के बीच स्थित हिंगला देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मां भगवती झूला झूलती हैं। झूले को हिंगोल कहा जाता है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के तट पर मां हिंगलाज का मंदिर है। कहा जाता है कि पाकिस्तान के बाद उत्तराखंड के चंपावत में मां हिंगला का दूसरा मंदिर है।
जासं, चंपावत: नगर के ऊंचे शिखर पर स्थित मां हिंगला देवी का मंदिर उप शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर तक वाहन से जाने के बाद 200 मीटर तक सीढ़ी चढ़कर मंदिर तक जाया जा सकता है।
बाज, बुराश व काफल के घने जंगल के बीच स्थित हिंगला देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मां भगवती झूला झूलती हैं। झूले को हिंगोल कहा जाता है। हिंगोल के नाम पर मंदिर का नाम हिंगला देवी पड़ा। ऊंचाई पर होने के कारण मंदिर से चंपावत नगर का मनोरम दृश्य दिखता है। चैत्र नवरात्र में विशेष आयोजन होते हैं।
लोक मान्यता
ऐतिहासिक महत्व
मां हिंगला देवी मंदिर उप शक्तिपीठ है। भक्तों की आस्था का केंद्र है। मां अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है। खासकर निसंतान दंपती को संतान सुख प्राप्त होता है। चैत्र नवरात्र में नौ दिनों तक विशेष आयोजन होते हैं। -हरीश पांडेय, पुजारी, हिंगला देवी मंदिर