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ईको सेंसिटिव जोन में स्थायी विकास कार्य पर रोक से बढ़ी चिंता

ईको सेंसिटिव जोन में स्थायी विकास कार्य पर रोक से चिंता।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 06 Aug 2022 09:51 PM (IST)
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ईको सेंसिटिव जोन में स्थायी विकास कार्य पर रोक से बढ़ी चिंता

ईको सेंसिटिव जोन में स्थायी विकास कार्य पर रोक से बढ़ी चिंता

संसू, धारचूला : ईको सेंसिटिव जोन के विस्तार को लेकर न्यायालय के आदेश के बाद सीमांतजनों की चिंता बढ़ चुकी है। स्थायी विकास कार्य बंद होने पर विकास की रफ्तार को सीमांत के लिए उचित नहीं बताया है। इस संबंध में रं म्युजियम में रं कल्याण संस्था, व्यापार संघ और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि विगत जून माह में सर्वोच्च न्यायालय ने ईको सेंसिटिव जोन के विस्तार और उस क्षेत्र में स्थायी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं। बैठक में रं कल्याण संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारी विशन सिंह बोनाल ने कहा कि सेंसिटिव जोन के एक किमी दायरे तक किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, परंतु न्यायालय द्वारा इन क्षेत्रों में स्थायी निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया जो चिंता बढ़ा रहा है। जिससे सीमांत में आवश्यक विकास कार्य प्रभावित होना चिंता का विषय है। बैठक में कहा गया कि सामरिक महत्व के धारचूला में लंबी प्रतीक्षा के बाद सड़कें पहुंची है, कई स्थानों पर संचार की सुविधा नहीं है कई गांव आज भी सड़क की प्रत्याशा में हैं। इस स्थिति में निर्माण कार्य प्रतिबंधित होने पर सीमांत के लोगों की समस्याएं बढ़ जाएंगी। बोनाल ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों, संगठनों से अपने-अपने क्षेत्र की परेशानी व समस्याओं को सरकार और न्यायालय को अवगत कराने के लिए सुझाव दिया। व्यापार संघ अध्यक्ष बीएस थापा ने कहा कि इस आदेश से क्षेत्र का विकास अवरोधित होने वाला है। जिसे देखते क्षेत्र की जनता पुनर्विचार का अनुरोध करेगी। बैठक में तय किया गया कि क्षेत्र की जनता अपने पक्ष को सरकार और न्यायालय के सम्मुख रखेगी। बैठक में दीपक रौंकली, नारायण दरियाल, भागीरथी खैर, रुप सिंह दानू, जयेंद्र फिरमाल, प्रेमा कुटियाल आदि मौजूद रहे।

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