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Uttarakhand: पूर्व सैनिकों के फर्जी हस्ताक्षरों से आवंटित करा ली शराब की दुकान, कुर्की का नोटिस जारी करने पर खुला मामला

Uttarakhand Crime News उत्तराखंड में एक पूर्व सैनिक के नाम पर फर्जी हस्ताक्षरों से शराब की दुकान आवंटित करा ली गई और 2.12 करोड़ रुपये का राजस्व जमा नहीं किया गया। कुर्की का नोटिस मिलने पर मामला खुला। परेशान पूर्व सैनिक ने पुलिस अधीक्षक से जांच की गुहार लगाई है। इस मामले में आबकारी विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 02 Oct 2024 02:19 PM (IST)
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Uttarakhand Crime News: पूर्व सैनिक ने पुलिस अधीक्षक से जांच की गुहार लगाई है। Concept Photo

संवाद सहयोगी, जागरण, पिथौरागढ़ । Uttarakhand Crime News: सेना में 28 वर्ष की नौकरी कर लौटे एक पूर्व सैनिक के नाम पर शराब की दुकान आवंटित करा लेने और 2.12 करोड़ का राजस्व जमा नहीं करने का मामला सामने आया है। राजस्व विभाग द्वारा पूर्व सैनिक को कुर्की का नोटिस जारी करने पर यह मामला खुला। परेशान पूर्व सैनिक ने पुलिस अधीक्षक से जांच की गुहार लगाई है।

जिला मुख्यालय के नजदीकी सातशिलिंग क्षेत्र के ओलीगांव के रहने वाले कुंडल सिंह सेना में 28 वर्ष की सेवा पूरी कर घर लौटे। अपने गांव में खेती किसानी कर रहे कुंडल सिंह को 30 जून को तहसील से कुर्की का नोटिस मिला। नोटिस में कहा गया था कि उन पर 2.12 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया है। इतनी बड़ी रकम का बकाये का नोटिस मिलने पर पूर्व सैनिक के पैरों तले जमीन खिसक गई।

पूर्व सैनिक तहसील पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम पर 2021 में शराब की दुकान आवंटित कराई गई थी, जिसका 2.12 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया है। परेशान कुंडल सिंह आबकारी विभाग पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम से तीन वर्षों तक शराब की दुकान चलाई गई। सूचना अधिकार अधिनियम से उन्होंने आवेदन पत्र निकलवाया तो पता चला कि आवेदन में उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।

रजिस्टर जी-14 में भी उनके फर्जी हस्ताक्षर

आबकारी विभाग के अनुज्ञापन रजिस्टर जी-14 में भी उनके फर्जी हस्ताक्षर हैं। उनका चरित्र प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो आवेदन के साथ लगी हुई और इनमें भी फर्जी हस्ताक्षर हैं। एक पार्टनरशिप फर्म बनाई गई है, जिसमें उन्हें 10 प्रतिशत का पार्टनर दिखाया गया है।

परेशान कुंडल सिंह मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पूरा मामला पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के सामने रखा और उन्हें बताया कि उन्होंने कभी शराब की दुकान के लिए आवेदन नहीं किया और नहीं कभी आबकारी विभाग के किसी कागजात में हस्ताक्षर किए।

उन्होंने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कोतवाल को मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू करने के निर्देश दिए। कोतवाल ललित मोहन जोशी ने कहा है कि मामला पंजीकृत कर लिया गया है, मामले का जल्द पर्दाफाश कर लिया जाएगा।

जीवन में इतना दुख कभी नहीं हुआ

अपनी व्यथा लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे कुंडल सिंह ने कहा कि इस घटना ने उन्हें भीतर तक झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने सियाचीन, जम्मू कश्मीर सहित तमाम क्षेत्रों में सेवायें दी और सेवानिवृत्ति के बाद एक खुशहाल जिंदगी जीने का उम्मीद पाली थी, लेकिन इस मामले ने उनकी रातों की नींद उड़ा दी हैं। वे पिछले कई महीनों से सो नहीं पा रहे हैं। पूरा परिवार परेशान है। अपनी बात कहते हुए वह फफक-फफक कर रो पड़े।

आबकारी विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में

इस मामले में आबकारी विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। नोटिस आने के बाद जब कुंडल सिंह मामले की जानकारी लेने आबकारी विभाग पहुंचे तो उन्होंने बताया कि कुछ कर्मचारी उन्हें फुसलाने लगे और चिंता की कोई बात नहीं कहकर उन्हें घर भेज दिया गया।

किसी व्यक्ति के फर्जी हस्ताक्षरों से शराब की दुकान आवंटित हो जाना और राजस्व जमा नहीं होना विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है। उन्होंने देहरादून जाकर आबकारी आयुक्त के सामने मामला रखा, उन्होंने इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने की मौखिक सलाह दी। उसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक के सामने अपनी व्यथा रखी।

पूर्व सैनिक के साथ इस तरह की ठगी का मामला बेहद गंभीर है। कोतवाल को मामला दर्ज कर जल्द पर्दाफाश करने के निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही इस मामले में लिप्त लोगों का पता लगा लिया जाएगा। - रेखा यादव, पुलिस अधीक्षक, पिथौरागढ़

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