उत्तराखंड में जंगलों को आग से बचाने के लिए 'फायरलेस हिमालया' मुहिम शुरू, लोगों को वनों के प्रति जागरूक कराना उद्देश्य
Uttarakhand Fire Season उप जिलाधिकारी मंजीत सिंह ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि हिमालय उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। यहां से निकलने वाली सदावाहिनी नदियां देश की बड़ी आबादी को जीवन प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि वनों को आग से बचाने की जिम्मेदारी सामूहिक है और इसे सभी लोगों को समझना होगा।
संवाद सूत्र, धारचूला। Forest Fire Season: ग्रीष्मकाल में जंगलों को आग से बचाने के लिए 27 फरवरी को फायरलेस हिमालया अभियान की शुरुआत हुई। अभियान के तहत गांव-गांव में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक किया जायेगा।
उप जिलाधिकारी मंजीत सिंह ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि हिमालय उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। यहां से निकलने वाली सदावाहिनी नदियां देश की बड़ी आबादी को जीवन प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि वनों को आग से बचाने की जिम्मेदारी सामूहिक है और इसे सभी लोगों को समझना होगा।
हिमालय में वनों के महत्व को होगा समझना
खंड विकास अधिकारी दुर्गा राम ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि सभी को संवदेनशील हिमालय में वनों के महत्व को समझना होगा। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने वन विभाग और वरदान संस्था के संयुक्त तत्वाधान में चलाये जा रहे अभियान के तहत होने वाले जन जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शुभारंभ अवसर पर सुमन वर्मा, डा.अमीर आलम, डा.नवा सिंह, वन दरोगा नरेंद्र राम, वन रक्षक गंगा बल्लभ जोशी, कमल बिष्ट, सीडीपीओ लक्ष्मी ग्वाल, हेमलता जंग, जगदीश प्रसाद आदि ने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन जगदीश प्रसाद ने किया।
यह भी पढ़ें: