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11 मिनट तक होती रही फलों और पत्थरों की बौछार, 212 लोग घायल; बग्वाल मेले की रौनक देखने दिल्ली-मुबंई से पहुंचे लोग

Bagwal Mela 2024 देवीधुरा मेले में विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने बग्वाल मेले का आनंद उठाया। श्रद्धालुओं ने खोलीखांड़ मैदान पर स्थित प्राचीन वीर शिला में बने छिद्र से प्रवेश कर मनौतियां मांगी। इस अवसर पर हजारों की तादाद में लोग पहुंचे थे। चारों ओर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ था। सभी उत्साह से लबरेज थे। इस दौरान मंदिर का पूरा परिसर वैदिक ऋचाओं से गूंज रहा था।

By ganesh pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 20 Aug 2024 07:44 PM (IST)
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बग्वाल मेला में लोगों का उमड़ा हुजूम
संवाद सूत्र, लोहाघाट। Bagwal Mela 2024: देवीधुरा बग्वाल में सोमवार को हजारों की तादात में श्रद्धालु व दर्शक पहुंचे थे। सभी उत्साह से लबरेज थे। इस दौरान मंदिर का पूरा परिसर वैदिक ऋचाओं से गूंज रहा था। मुख्य मंदिर की गुफा में जाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी।

बग्वाल देखने के लिए चारों ओर लोगों का हुजूम

अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर शुरू हुई बग्वाल को देखने के लिए भीड़ मैदान की ओर बढ़ने लगी। इस बीच जिसे जहां जगह मिली वह वहीं पर ठहर गया। चारों ओर लोगों का हुजूम दिखाई दे रहा था। आसपास के भवनों की छतें व वीआइपी गैलरी में पांव रखने को जगह नहीं थी।

इस दौरान चारों खामों और सात थोकों के रणबांकुरों के जयकारों के उद्घोष से पूरा वाराही धाम गुंजायमान हो उठा।

11 मिनट तक फलों के साथ पत्थरों की बौछार

बग्वाली वीरों ने सजे-धजे फर्रे लेकर मैदान में प्रवेश कर मंदिर की परिक्रमा की। इस बीच चारों खामों के मुखियाओं ने आपस में मंत्रणा की। इसके बाद बगैर हार-जीत की चिंता किए 11 मिनट तक फलों के साथ ही पत्थरों की बौछार होती रही।

212 लोग घायल फिर भी चेहरे पर नहीं दिखी पीड़ा

बग्वाल के बाद महादेव पुजारी ने बग्वाल मैदान में पहुंचकर बग्वाली वीरों को आशीर्वाद दिया। बाद में सभी रणबांकुरों ने हाथों से इशारा किया और गले मिलकर एक-दूसरे को रक्षाबंधन व बग्वाल की बधाई दी। इस अनूंठे युद्ध में चारों खामों के 212 लोग भले ही घायल हुए लेकिन उनके चेहरे पर किसी तरह की पीड़ा नहीं थी। इसे देखते हुए लग रहा था कि मानो मां वाराही ने उनकी सारी पीड़ा हर ली है।

इस दौरान पीठाचार्य कीर्ति बल्लभ जोशी, मुख्य पुजारी महेश पुजारी, जगदीश पुजारी, भुवन चंद्र जोशी, हेम चन्द्र जोशी, ललित मोहन जोशी, राजेंद्र जोशी, लाल सिंह चम्याल, पवन चम्याल, नंदन सिंह, महासिंह, दीवान सिंह, नरेश सिंह, राम सिंह, पान सिंह, भूपाल सिंह, मनोज सिंह मौजूद रहे।

श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों ने उठाया बग्वाल का आनंद

देवीधुरा मेले में विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने बग्वाल मेले का आनंद उठाया। बग्वाल खेलने के लिए खोलीखांड़ दुबाचौड़ मैदान पर पहुंचे बग्वाली वीरों का जोशीला अंदाज और मंदिर की परिक्रमा करना श्रद्धालुओं को खूब भाया। बग्वाल का दृश्य तो रौंगटे खड़े कर देने वाला था। इस दृश्य को देखते-देखते कुछ पल के लिए श्रद्धालुओं की सांसे थम गई।

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मुंबई से पहुंच दीपेश, दिल्ली की निशा वैष्णवी, दिनेश प्रसाद, रमेश झा, विजय सोमना आदि का कहना था कि ऐसा रोमांचक दृश्य उन्होंने जीवन में पहली बार देखा। इसके अलावा विदेशी पर्यटकों ने भी इसे अदभुत व अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि इस नजारे को देख वह गदगद हैं। पर्यटकों ने बग्वाल को आश्चर्यजनक बताया तथा मां की शक्ति को नमन किया।

वीर शीला में प्रवेश कर मांगी मनौती

श्रद्धालुओं ने खोलीखांड़ मैदान पर स्थित प्राचीन वीर शिला में बने छिद्र से प्रवेश कर मनौतियां मांगी। कई श्रद्धालुओं ने पौराणिक मान्यताओं के तहत विशाल शिला में अवस्थित मां बाराही की अदृश्य शक्ति पिंडली के तेज को सिर माथे में लगाकर आशीर्वाद लिया।

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