Move to Jagran APP

इस गांव में है भोलेनाथ की विशाल गुफा, दुनिया के सामने लाएगी आइटीबीपी

आइटीबीपी उच्च हिमालयी क्षेत्र में धारचूला के सीपू गांव स्थित विशालकाय गुफा को देश-दुनिया के सामने लाएगी। इसके अध्ययन के लिए आइटीबीपी का दल पहुंच गया।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 05:14 PM (IST)
Hero Image
इस गांव में है भोलेनाथ की विशाल गुफा, दुनिया के सामने लाएगी आइटीबीपी
धारचूला, पिथौरागढ़ [तेज सिंह गुंज्याल]: आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) उच्च हिमालयी क्षेत्र में धारचूला के सीपू गांव स्थित विशालकाय गुफा को देश-दुनिया के सामने लाएगी। इसके लिए डीआइजी एपीएस निंबाडिया के निर्देश पर आइटीबी का एक दल गुफा तक पहुंच गया है।

समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर सीपू गांव से करीब 12 किमी दूर स्थित इस गुफा के बारे अब तक सिर्फ स्थानीय लोगों को ही जानकारी है। मान्यता है कि भगवान शिव ने इस गुफा में विश्राम किया था। शिव जिस पत्थर पर बैठे, उस पर आज भी बैठने के निशान हैं। 

ग्रामीण इस क्षेत्र में मौजूद एक मात्र भोजपत्र के वृक्ष को शिव की लाठी का रूप मानते हैं। गुफा तक पहुंचने के लिए खड़ी चट्टान को पार करना होता है। गांव में बड़ी पूजा होने पर ग्रामीण गुफा तक जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं।

 

गुफा के नजदीक ही मिलती माई का तालाब है। गर्मियों में भी पानी से लबालब भरे रहने वाले इस तालाब को सबसे पहले एक तिब्बती व्यापारी ने देखा। कहते हैं कि घोड़े पर सवार यह तिब्बती व्यापारी इस गुफा की गहराई नापने के लिए तालाब में उतरा तो फिर वापस नहीं लौटा। व्यापारी की टोपी सीपू गांव में फूटने वाले इस तालाब के स्रोत से निकली। इस तालाब की भी वर्ष में एक बार विशेष पूजा होती है। 

पिछले दिनों क्षेत्र भ्रमण के दौरान सीपू के ग्रामीणों से इन महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया को दी। इस पर उन्होंने आइटीबीपी की एक टीम यहां भेजी। 

यहां पहुंचे जवानों ने गुफा के बाहर की फोटो ली। जवानों के मुताबिक गुफा के भीतर कई शिवलिंग और बाहर आकर्षक चट्टानें हैं। जवान गुफा में करीब दो किमी भीतर तक गए। अनुमान है कि इसकी लंबाई चार से पांच किमी हो सकती है। डीआइजी निंबाडिया का कहना है कि अब इस स्थल को प्रकाश में लाने की कोशिश की जाएगी।

यह भी पढ़ें: यहां कुदरत ने बिखेरे हैं अनमोल नजारे, दीदार करना है तो चले आइए

यह भी पढ़ें: एडवेंचर के साथ प्रकृति को समझना है तो आप कर सकते हैं ट्री-ट्रैकिंग

यह भी पढ़ें: गोमुख में झील का अध्ययन करेगा विशेषज्ञों का दल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।