Move to Jagran APP

Kailas Mansarovar Yatra: भारत की भूमि से पवित्र कैलास दर्शन का सपना पूरा, भाव विभोर हुए यात्री

Kailas Mansarovar Yatra कैलास मानसरोवर यात्रा अब और भी आसान हो गई है। भारत की भूमि से ही कैलास पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं। ओल्ड लिपुलेख से कैलास दर्शन के लिए उत्तराखंड विकास परिषद और केएमवीएन ने पांच दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। इस पैकेज में कैलास दर्शन के साथ ओम पर्वत और आदि कैलास दर्शन भी शामिल है।

By omprakash awasthi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 04 Oct 2024 03:29 PM (IST)
Hero Image
Kailas Mansarovar Yatra: प्रथम नवरात्र को यात्रियों ने किए भगवान शेकर के घर पवित्र कैलास के दर्शन.
जासं, पिथौरागढ़। Kailas Mansarovar Yatra: भारत की भूमि के पवित्र कैलास दर्शन का सपना पूरा हो गया है। नवरात्र के पहले दिन पांच यात्रियों ने ओल्ड लिपुलेख से कैलास पर्वत के दर्शन किए। भारत की भूमि से ही महादेव भगवान शिव के घर के दर्शन से यात्री भाव विभोर हैं। इसी के साथ अब कैलास दर्शन के लिए लिपुलेख दर्रा पार कर तिब्बत जाने की आवश्यकता नहीं है।

उत्तराखंड विकास परिषद की पहल पर केएमवीएन ने कैलास दर्शन के लिए पांच दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। इस पैकेज में कैलास दर्शन के साथ ओम पर्वत और आदि कैलास दर्शन भी शामिल है। पैकेज के तहत पहला पांच सदस्यीय दल मंगलवार को पिथौरागढ़ पहुंचा।

यह भी पढ़ें- Navratri 2024: घर बैठे करें देवियों के पांच धामों के दर्शन, जुटा भक्‍तों का रेला; अद्भुत और रहस्‍यमय कहानी

बुधवार को दल पिथौरागढ़ से हेलीकाप्टर से गुंजी गया। गुरुवार को यात्रियों को सड़क मार्ग से ओल्ड लिपु से कैलास पर्वत और ओम पर्वत के दर्शन कराए गए। शुक्रवार को यात्री सड़क मार्ग से आदि कैलास के दर्शन करने के बाद गुंजी वापस लौटेंगे।

शनिवार को हेलीकाप्टर से गुंजी से पिथौरागढ़ आएंगे। प्रथम नवरात्र को भारत भूमि से ही कैलास दर्शन करने वाले यात्रियों में नीरज मनोहर लाल चौकसे, मोहिनी नीरज चौकसे, अमनदीप कुमार जिंदल, केवल कृष्ण और नरेंद्र कुमार शामिल रहे। कैलास दर्शन करने के बाद श्रद्धालु नीरज मनोहर ने बताया कि भगवान शिव के पवित्र धामों का दर्शन कर उन्हें सुख की अनुभूति हुई है। उन्होंने इसे विलक्षण अनुभव बताया है।

स्थानीय निवासियों की खोज है ओल्ड लिपु

कुछ वर्षों पूर्व तक ओल्ड लिपु को कोई नहीं जानता था। स्थानीय कुछ लोगों को भारत से ही कैलास दर्शन होने की जानकारी थी। कोरोना के चलते वर्ष 2020 से कैलास मानसरोवर यात्रा बंद थी। कुछ स्थानीय युवा ओल्ड लिपु तक पहुंचे और उन्होंने भारत से ही कैलास दर्शन होने की बात की पुष्टि की। आइटीबीपी के लोग भी ओल्ड लिपु तक पहुंचे। बाद में ओल्ड लिपु से कैलास दर्शन को लेकर तैयारियां होने लगी।

यह भी पढ़ें-Navratri 2024: देवभूमि की इस देवी की यात्रा बेहद खास, केवल पुरुष ही लेते हैं भाग

नावीढांग के पास से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित ओल्ड लिपु तक मार्ग बनाया गया। इसके लिए अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, यात्रियों के प्रवास, दर्शन प्वाइंट तक पहुंचने का मार्ग सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया।

सभी तैयारियां करने के बाद केंद्र सरकार हरी झंडी मिलने के बाद 15 सितंबर से ओल्ड लिपु से कैलास दर्शन की अनुमति मिली। पहला दल तीन अक्टूबर को ओल्ड लिपु पहुंचा और कैलास के दर्शन किए। श्रद्धालुओं में दो -दो मध्यप्रदेश ओर राजस्थान और एक चंडीगढ़ से हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पीएम का जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत की भूमि से कैलास पर्वत के दर्शन होने को सुखद बताया है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने भविष्य में इस यात्रा को अधिक सुगम बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित करने की बात कही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।