एक बार खेंचुवां खाएंगे तो यादों में बस जाएगा डीडीहाट
पिथौरागढ़ के डीडीहाट नगर की पहचान है खेंचुवां। खेंचुवा एक प्रकार की मिठाई है, जो सिर्फ डीडीहाट में बनती है। एक बार इसका स्वाद घुल जाए तो फिर यह दिल और दिमाग में बस जाता है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 11 Oct 2018 09:25 AM (IST)
डीडीहाट, पिथौरागढ़ [बृजेंद्र मेहता]: पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट नगर की पहचान है खेंचुवां। इसे कुमाऊं की शानदार सौगात भी कह सकते हैं। स्थानीय भाषा के आधार पर देखें तो यह अपने नाम से ही स्पष्ट है। खेंचुवा का तात्पर्य खिंचाव से है और जुबां पर एक बार इसका स्वाद घुल जाए तो फिर यह दिल और दिमाग में बस जाता है।
खेंचुवा एक प्रकार की मिठाई है, जो सिर्फ डीडीहाट में बनती है। 80 के दशक में देवीधुरा से आए नेगी परिवार ने डीडीहाट में खेंचुवा बनाना प्रारंभ किया था। इस दौर दौरान दूध की कमी के चलते खेंचुवा सीमित मात्रा में बनता था। धीरे-धीरे अपनी विशेषता के चलते इसकी मांग बढ़ने लगी। मांग के साथ ही खेंचुवा अधिक बनने लगा। दूध को काफी देर तक उबालकर, उसमें चीनी मिलाकर खेंचुवा तैयार किया जाता है। इस विशिष्ट प्रकार की मिठार्द के लिए दूध की मांग को देखते हुए गांवों में ग्रामीण दुग्ध उत्पादन बढ़ाने लगे।
पिछले 20 वर्षों के बीच डीडीहाट के खेंचुवे ने अपने स्वाद की वजह से अच्छी पहचान बनाई है। डीडीहाट के खेंचुवे की मांग डीडीहाट, पिथौरागढ़ ही नहीं, बल्कि कुमाऊं, गढ़वाल से लेकर मैदानी जिलों तक पहुंच चुकी है। क्षेत्र में तो शादी, ब्याह से लेकर सभी आयोजनों में खेंचुवा सबसे पसंदीदा मिठाई माना जाता है। डीडीहाट आने वाला हर व्यक्ति खेंचुवा मांगा है। आज भले ही डीडीहाट नगर के कुछ दुकानों में खेंचुवा बनता है, परंतु नेगी जी का खेंचुवा ही लोगों की जुबान पर चढ़ा है। यह सबसे पुरानी दुकान है। पूरे क्षेत्र में आज मिठाई के रूप में खेंचुवे की धाक जमी है।
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