मौसम की तरह अब भूस्खलन और बाढ़ की भी मिलेगी पहले से जानकारी, 24 घंटे पहले आगाह कर देगा IMD
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाला भारत मौसम विज्ञान (आइएमडी) विभाग मौसम आधारित कई पूर्वानुमान जारी करता है। विभाग हमें मौसम से जुड़ी जैसे- बारिश गर्जन धूप ठंड और हवा संबंधी जानकारी का पुर्वानुमान जारी करत है। इसके अलावा अब आइएमडी हमें भूस्खलन और बाढ़ संबंधी घटनाओं से भी पहले ही अवगत करा देगा। इससे जान-माल हानि होने के खतरे से बचने में मदद मिलेगी।
गणेश पांडे, चंपावत। मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाला भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) अब जलभराव व भूस्खलन को लेकर भी आगाह करेगा। आइएमडी ने अपने दैनिक बुलेटिन में भूस्खलन व जलभराव की संभावना को लेकर अपडेट देना शुरू कर दिया है।
मानसून अवधि में मैदानी क्षेत्र में बाढ़ व पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए यह पहल लोगों को सजग करने के साथ प्रशासन को राहत-बचाव कार्य में जुटने की योजना बनाने में मददगार करेगा।
भूमि के साथ-साथ आकाश संबंधी भी आंकड़े किए जाते हैं प्राप्त
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाला आइएमडी मौसम आधारित कई पूर्वानुमान जारी करता है। भूमि की सतह के अध्ययन के साथ ही आकाश में गुब्बारे छोड़ वायुमंडल की विभिन्न ऊंचाई पर तापमान, दाब, आर्द्रता व हवा की गति संबंधी आंकड़े प्राप्त किए जाते हैं।
उपग्रहों व डाप्लर रडार के जरिए हवा और बादलों की गति पता चलती है। जिसके आधार पर तापमान, वर्षा, चक्रवात, हिमपात, मानसून आदि का पूर्वानुमान प्राप्त होता है। इसी अध्ययन के आधार पर कृषि, सिंचाई, परिवहन, विमानन जैसे दैनिक कार्यों को संपादित करने में मदद मिलती है।
अब भूस्खलन व बाढ़ का देंगे पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए भूस्खलन व बाढ़ की संभावना पर 24 घंटे का पूर्वानुमान देना शुरू कर दिया है। बाढ़-भूस्खलन के भारी, मध्यम व कम जोखिम को रेड, ऑरेंज व यलो अलर्ट में दर्शाया जाता है।
राहत-बचाव की तैयारी में भूस्खलन का पूर्वानुमान मददगार
पिछले दिनों मानसून में जिस तरह बनबसा, खटीमा, सितारगंज व हरिद्वार में बाढ़ देखने को मिली, ऐसे में पूर्वानुमान राहत-बचाव में मददगार होगा। भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील पर्वतीय रूटों में यात्रा से बचने, समय से खाद्य सामग्री पहुंचाने व राहत-बचाव की तैयारी रखने में भूस्खलन का पूर्वानुमान मददगार होगा।
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आइएमडी अपने दैनिक मौसम बुलेटिन में भूस्खलन-बाढ़ का पूर्वानुमान जारी कर रहा। वर्षा की संभावना व सेटेलाइट इमेजेज के अध्ययन के आधार पर इसे जारी किया जाता है। इससे राहत-बचाव व आपदा पूर्व तैयारी में मदद मिलेगी।
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