Uttarakhand: मानसखंड बदलेगा कुमाऊं की तस्वीर, अब आदि कैलाश का होगा विकास; दर्शन करना होगा आसान
Pithoragarh मानसखंड बनने के बाद यह सब सर्किट से जुड़ेंगे। इसके साथ ही ये धार्मिक स्थल आर्थिकी बढ़ाने में भी अहम साबित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शन के लिए पहुंचने के बाद पर्यटन के क्षेत्र में दोनों स्थलों को वैश्विक पहचान मिली है। आदि कैलाश की भी तस्वीर अब बदलने वाली है। श्रद्धालुओं के लिए अब सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 21 Oct 2023 01:53 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़। केदारखंड से गढ़वाल के बाद अब मानसखंड मंदिर माला मिशन कुमाऊं की तस्वीर बदलेगा। इससे धार्मिक पर्यटन में नया अध्याय जुड़ेगा। सीमांत की बात करें तो आदि कैलाश, ऊं पर्वत, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका जैसे धार्मिक स्थलों में आज भी पर्यटन सुविधाओं का अभाव है।
मानसखंड बनने के बाद यह सब सर्किट से जुड़ेंगे। इसके साथ ही ये धार्मिक स्थल आर्थिकी बढ़ाने में भी अहम साबित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शन के लिए पहुंचने के बाद पर्यटन के क्षेत्र में दोनों स्थलों को वैश्विक पहचान मिली है।
चार धाम की तर्ज पर होगा विकास
प्रदेश सरकार ने भी इन दोनों क्षेत्रों को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना में शामिल करने की तैयारी की है। ऐसे में दोनों स्थल चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे। संचार सेवाओं का विकास होगा। आवागमन के लिए सड़कों को बेहतर बनाया जाएगा। आगामी समय में इन्हें हेली सेवा से भी जोड़ने की तैयारी है। इससे पर्यटकों की पहुंच आसान होगी।आदि कैलाश की है खास पहचान
धार्मिक महत्व की बात करें तो आदि कैलास और ऊं पर्वत की अपनी खास पहचान है। आदि कैलाश पंच कैलाश में से एक है। महत्वपूर्ण स्थल होने के बावजूद अभी यहां पर्यटकों की आमद बहुत कम है। चार धाम में इस वर्ष 48 लाख श्रद्धालु पहुंचे, वहीं आदि कैलाश और ऊं पर्वत दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या केवल 10 हजार का आंकड़ा ही पार कर पाई है।यह भी पढ़ें: Kedarnath: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा पहुंचे केदारनाथ, क्षेत्र व आपदा की ली जानकारी; देखें तस्वीरें
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