Kailash Parvat: बिना तिब्बत गए शिवभक्त कर सकेंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, इस राज्य में मिला व्यू पॉइंट
Kailash Parvat कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नाभीढांग के पास से ओल्ड लिपु को मार्ग जाता है। यह मार्ग अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण अति दुर्गम भी है। ओल्ड लिपु से कैलाश के दर्शन होते हैं। नावीढांग से ओल्ड लिपु तक पैदल चलने योग्य मार्ग भी है लेकिन ओल्ड लिपु तक पहुंचना सभी के लिए आसान नहीं है।
संवाद सूत्र, पिथौरागढ़। यदि पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को सेना की अनुमति मिली तो शिवभक्त बिना तिब्बत गए ही पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से लगे ओल्ड लिपु (पुराने लिपुलेख) से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग ने सेना को एक प्रस्ताव भेजा है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नाभीढांग के पास से ओल्ड लिपु को मार्ग जाता है। यह मार्ग अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण अति दुर्गम भी है। ओल्ड लिपु से कैलाश के दर्शन होते हैं। नावीढांग से ओल्ड लिपु तक पैदल चलने योग्य मार्ग भी है, लेकिन ओल्ड लिपु तक पहुंचना सभी के लिए आसान नहीं है।
ग्लास हाउस बनाने की हो रही है मांग
लगभग 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित ओल्ड लिपु पहुंचने पर तीव्र व ठंडी हवाएं चलती हैं। मौसम साफ रहने पर यहां से कैलाश पर्वत स्पष्ट नजर आता है। स्थानीय लोग यहां पर ग्लास हाउस बनाने की मांग कर रहे हैं। ग्लास हाउस होने पर तेज हवा से बचाव के साथ कैलाश के ठीक से दर्शन होंगे। वर्तमान में जिस तरह इस क्षेत्र में आदि कैलास व ओम पर्वत दर्शन के लिए यात्रा संचालित की जा रही है, उससे उम्मीद है कि जल्द ही ओल्ड लिपु से कैलास दर्शन होंगे।ओल्ड लिपु से कैलाश दर्शन
यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, इसलिए ओल्ड लिपु से कैलाश दर्शन के लिए सेना से अनुमति का प्रस्ताव भेजा गया है। सेना की ओर से अनुमति मिलने पर ही ओल्ड लिपु से कैलास दर्शन योजना संचालित हो सकेगी। - कीर्ति चंद्र आर्य, जिला पर्यटन अधिकारी, पिथौरागढ़यह भी पढ़ें: पिथौरागढ़ में तैयार हो रहा एक और टूरिस्ट डेस्टिनेशन, मेलापानी में बनेगी कुमाऊं की सबसे बड़ी झील; सर्वे पूरा
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