पिथौरागढ़ से लगे नेपाली क्षेत्र में नेताओं का डेरा, भारत से जुड़े मुद्दों पर चर्चा, नेपाली PM ने कही ये बात
Nepal Chunav नेपाली पीएम शेर बहादुर देउबा ने कहा कि पंचेश्वर बांध दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत से बातचीत कर इस बांध के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। इस परियोजना के जरिए दोनों देशों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर खुलेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaUpdated: Wed, 09 Nov 2022 08:11 PM (IST)
संवाद सूत्र, झूलाघाट (पिथौरागढ़) : Nepal Chunav: नेपाल में 20 नवंबर से शुरू हो रहे चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भारत से लगे नेपाल के सुदूर पश्चिम में इन दिनों बड़े नेताओं ने डेरा डाला है। नेकपा एमाले के केपी शर्मा ओली के बाद बुधवार को सत्ताधारी गठबंधन के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और माओवादी नेता प्रचंड ने दार्चुला के गोकुलेश्वर व बैतड़ी के पाटन में सभा की। इस दौरान भारत से जुड़े मुद्दे छाए रहे।
पंचेश्वर बांध का उठा मुद्दा
नेपाली पीएम शेर बहादुर देउबा (Nepali PM Sher Bahadur Deuba) और माओवादी नेता प्रचंड (Maoist leader Prachanda) ने संयुक्त जल विद्युत परियोजना पंचेश्वर का मुद्दा उठाया। कहा कि पंचेश्वर बांध दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत से बातचीत कर इस बांध के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। काली नदी पर करीब 55 सौ मेगावाट की इस परियोजना के जरिए दोनों देशों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर खुलेंगे। इसके साथ महाकाली कारीडोर का कार्य जल्द पूरा कराने भी भरोसा दिया।
जलविद्युत परियोजना पर जल्द शुरू होगा काम
देउबा ने कहा कि भारत से लगे बैतड़ी, डोटी और बजांग जिले में प्रस्तावित 750 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना का कार्य भी जल्द शुरू कराया जाएगा। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत से कूटनीतिक संबंध बेहतर कर सभी मुद्दों को हल कराया जाएगा।पूर्व पीएम केपी ओली भी पहुंचे थे, दिया था विवादित बयान
इससे पहले यहां पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Oli) ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमने कालापानी और लिंपियाधुरा को नक्शे में शामिल किया। अब हम ही इसे भारत से लेने में कामयाब भी होंगे। इसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े।
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देउबा ने दिखाया आईना
ओली के इस बयान पर देउबा ने उन्हें आईना दिखाते हुए कहा कि ओली अब बंदूक लेकर सीमा पर जाएंगे और युद्ध कर कालापानी को छीनेंगे, जो संभव नहीं है। इस मुद्दे का समाधान बस कूटनीतिक ही है। हम इसके लिए भारत से निरंतर पहल कर रहे हैं। भारत सरकार ने मुद्दे के समाधान का आश्वासन भी दिया है।
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