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भारत-नेपाल सीमा पर बन रहे सूखा बंदरगाह का बनेगा नया डिजाइन, SDM के नेतृत्व में टीम ने किया निरीक्षण

Uttarakhand News उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बन रहे भारत-नेपाल सीमा पर बन रहे ड्राई पोर्ट का डिजाइन नए सिरे से तैयार होगा। एसडीएम की अध्यक्षता में निरीक्षण करने गई विशेषज्ञों की टीम ने इसका सुझाव दिया है। ड्राई पोर्ट से पुरानी जल निकासी की व्यवस्था बाधित हो रही है जिससे टनकपुर क्षेत्र में जलभराव की समस्या हो रही है।

By ganesh pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 18 Sep 2024 08:06 AM (IST)
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भारत-नेपाल सीमा पर बन रहे सूखा बंदरगाह का बनेगा नया डिजाइन

संवाद सूत्र, बनबसा (चंपावत)। भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निर्माणाधीन ड्राई पोर्ट (सूखा बंदरगाह) का डिजाइन नए सिरे से तैयार होगा। एसडीएम की अध्यक्षता में निरीक्षण करने गई विशेषज्ञों की टीम ने इसका सुझाव दिया है। बनबसा के देवीपुरा से नेपाल के महेंद्रनगर के लिए बन रहे ड्राई पोर्ट से पुरानी जल निकासी की व्यवस्था बाधित हो रही है।

जिसकी वजह से टनकपुर क्षेत्र में वर्षा जल एकत्रीकरण होने के साथ बनबसा के देवीपुरा, पचपकरिया व गुदमी में जगबूढ़ा नदी का पानी भरने की समस्या सामने आई थी। बनबसा के ग्राम देवीपुरा से महेंद्रनगर को बन रहे सूखा बंदरगाह का कार्य 2022 से गतिमान है। बंदरगाह को भारत-नेपाल सीमा पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

एसडीएम आकाश जोशी ने बताया कि इस वर्ष मानसून के दौरान हुई अतिवृष्टि से पूर्णागिरि तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई। डीएम के निर्देश पर सोमवार को विशेषज्ञों की टीम ने निर्माणाधीन सूखा बंदरगाह व जलभराव क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

पाया कि सूखा बंदरगाह से पुरानी जल निकासी की व्यवस्था बाधित हुई है। जिससे टनकपुर क्षेत्र अंतर्गत वर्षा का एकत्रित जल व बनबसा में जगबूढ़ा नदी का पानी देवीपुरा, पचपकरिया और गुदमी में भर रहा है। डीएम की अध्यक्षता में सूखा बंदरगाह के नए डिजाइन पर चर्चा की जाएगी।

जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के विज्ञानी प्रो. सीपी ओझा व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन व सिंचाई विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। निरीक्षण में एनएचएआइ के अधिकारियों व विशेषज्ञों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

नदियों की प्राकृतिक संरचना बिगड़ रही

निरीक्षण में सामने आया कि सूखा बंदरगाह का डिजाइन नदी की प्राकृतिक संरचना को बदल रहा है। निरीक्षण करने पहुंचे विशेषज्ञों ने कहा कि डिजाइन इस प्रकार बने जिससे नदियों की प्राकृतिक संरचना पर कोई प्रभाव न पड़े। साथ ही वर्षा के एकत्रित जल की निकासी सुगमता से हो सके, ताकि भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो।

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