Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Pithoragarh: बारूदी विस्फोट से खिसकी चट्टान, तवाघाट-लिपुलेख मार्ग फिर बंद; चीन सीमा से कटा सम्पर्क

Pithoragarh चार मई से आदि कैलास यात्रा प्रारंभ होते ही तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर संकट के बादल छा गए हैं। चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग गर्बाधार के पास भारी बारूदी विस्फोट से विशाल चट्टान खिसकने से फिर बंद हो गया है।

By omprakash awasthiEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 22 May 2023 08:05 AM (IST)
Hero Image
Pithoragarh: तवाघाट-लिपुलेख मार्ग गर्बाधार के पास भारी बारूदी विस्फोट से विशाल चट्टान खिसकने से फिर बंद

संवाद सूत्र , धारचूला: Pithoragarh: चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट - लिपुलेख मार्ग गर्बाधार के पास भारी बारूदी विस्फोट से विशाल चट्टान खिसकने से फिर बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से आदि कैलास, ओम पर्वत की यात्रा में गए सैकड़ों यात्री उच्च हिमालय में फंस गए हैं।

धारचूला से आदि कैलास यात्रा में जाने वाले पांच दर्जन के आसपास यात्री गर्बाधार से वापस धारचूला लौट चुके हैं। जिसे लेकर यात्रियों में मायूसी छायी है। वहीं जनता में गर्बाधार के पास भारी विस्फोट किए जाने से आक्रोश व्याप्त है।

चल रहा मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य

चार मई से आदि कैलास यात्रा प्रारंभ होते ही तवाघाट लिपुलेख मार्ग पर संकट के बादल छा गए हैं। मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। बीआरओ संचालित इस मार्ग का कार्य गर्ग एवं गर्ग कंपनी को दिया गया है। साथ ही मार्ग में हैवी ब्लास्टिंग की अनुमति नहीं है। इसके बाद भी कंपनी द्वारा भारी विस्फोट किया जा रहा है।

बीते दिनों आदि कैलास यात्रा के दो दलों के उच्च हिमालय में ओम पर्वत के दर्शन कर वापस लौटने के बाद गर्बाधार के पास भारी विस्फोट किए जाने से मार्ग बंद हो गया था। तीसरा दल उच्च हिमालय में फंस गया था और चौथा और पांचवां दल धारचूला में फंसा रहा। चार दिन पूर्व शाम को मार्ग खुला। इसके बाद चौथा और पांचवां दल उच्च हिमालय जाकर आदि कैलास ओम पर्वत के दर्शन कर सका था।

शनिवार देर सायं कंपनी द्वारा गर्बाधार के पास फिर भारी विस्फोट किया गया। जिसके कारण विशाल चट्टान खिसकने से फिर से गर्बाधार के पास मार्ग बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय में सैकड़ों लोग फंसे हैं । जिसमें आदि कैलास यात्रा के छठवें दल सहित निजी टूर आपरेटरों द्वारा संचालित यात्रा के यात्री शामिल हैं।

इसके अलावा स्थानीय लोग फंसे हैं। गर्बाधार के पास आए मलबे के चलते मार्ग के दो तीन दिन से पूर्व खुलने के आसार नहीं हैं। रविवार को धारचूला से लगभग पांच दर्जन आदि कैलास यात्रियों सहित स्थानीय लोग उच्च हिमालय को रवाना हुए परंतु गर्बाधार से वापस लौटना पड़ा है। जबकि उच्च हिमालय गए यात्री गुंजी, बूंदी में फंसे हैं।

भारी विस्फोट किए जाने से स्थानीय जनता में रोष

इधर आदि कैलास यात्रा के दौरान भारी विस्फोट किए जाने से स्थानीय जनता में रोष व्याप्त है। बीते दिनों लगातार मौसम खराब होने से माइग्रेशन नहीं कर पाए गुंजी, गर्ब्‍यांग, नपलच्यु, नाबी, रोंगकोंग और कुटी के ग्रामीण भी मार्ग बंद होने से अपने गांवों को नहीं जा पा रहे हैं। व्यास घाटी के सात गांवों सहित चीन सीमा सम्पर्क भंग है। सोमवार से प्रशासन द्वारा सप्ताह में तीन दिन आदि कैलास यात्रा का रोस्टर जारी किया गया था।

इधर मार्ग बंद होने से आदि कैलास यात्री धारचूला से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इसे लेकर जनता में बीआरओ के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। जनता ने कंपनी के कार्यों को लेकर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। देश के विभिन्न राज्यों से आदि केलास और ओम पर्वत के दर्शन के लिए धारचूला पहुंंचे यात्री मायूस हैं। प्रशासन ने भी इस मामले में चुप्पी साध ली है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें