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PM Modi in Uttarakhand: पीएम मोदी ने आदि कैलाश के किए दर्शन, पार्वती कुंड में की आरती; पहना ये खास वस्त्र

PM Modi in Uttarakhand गुरूवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज्योलिंगकोंग हैलीपैड पर उतरे। जहां पर मुख सचिव एसएस संधू मंडल आयुक्त दीपक रावत सेना के अधिकारियों बीआरओ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए वस्त्र रं व्यंठलो और पगड़ी पहनी। पीएम मोदी ज्योलिंगकोंग से पार्वती कुंड को रवाना हुए और यहां पूजा अर्चना की।

By omprakash awasthiEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 12 Oct 2023 10:31 AM (IST)
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PM Modi in Uttarakhand: पीएम मोदी ने आदि कैलाश के किए दर्शन

PM Modi in Uttarakhand: जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड दौरे पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन सीमा से लगे ज्योलिंगकोंग पहुंचे। जहां पर उन्होंने ज्योलिंगकोंग स्थित मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने मंदिर की परिक्रमा करते हुए पार्वती कुंड पर ध्यान लगाया।

गुरूवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज्योलिंगकोंग हैलीपैड पर उतरे। जहां पर मुख सचिव एसएस संधू, मंडल आयुक्त दीपक रावत, सेना के अधिकारियों, बीआरओ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए वस्त्र रं व्यंठलो और पगड़ी पहनी। ज्योलिंगकोंग से पार्वती कुंड को रवाना हुए।

पार्वती कुंड में की आरती

लगभग 200 मीटर पैदल मार्ग पर बिछी रेड कार्पेट से पीएम मोदी पार्वती कुंड पहुंचे। जहां पर उन्होंने मंदिर में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना , आरती, शंख और डमरू बजाया। पुजारी द्वारा पूजा कराई गई। बाद में पार्वती कुंड पर ध्यान लगाया और आदि कैलाश की परिक्रमा की।

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पवित्र माना जाता है रं व्यंएठलो

रं व्यंएठलो र परम्परा में पवित्र वस्त्र माना जाता है। पुरुष प्रत्येक शुभ कार्यो और धार्मिक आयोजनों पर इसे पहनते है। प्रधानमंत्री के लिए उपहार के लिए व्यास घाटी के ग्रामीणों ने इसे तैयार किया था। स्थानीय परम्परा में पगड़ी पहनाने की प्रथा है।

आदि कैलाश की है पौराणिक मान्यता

आदि कैलाश को कैलाश की ही संज्ञा मिली है। भगवान शंकर जब मां पार्वती को ब्याह कर कैलास जा रहे थे तो इस स्थान पर प्रवास किया। भगवान शंकर और माता पार्वती लंबे समय तक यहां पर रहे। पार्वती सरोवर बनाया। यहां पर मां पार्वती ने धान का रोपण किया था। यह मान्यता है।