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उत्तराखंड का Sinla Pass व Sarutal Bugyal ट्रेक आफ द ईयर घोषित, 2 सितंबर से क्षेत्र में होंगी टूरिज्म एक्टिविटीज

चीन सीमा से लगी दो महत्वपूर्ण घाटियों को जोड़ने वाले सिनला पास और उत्तरकाशी के सरूताल बुग्याल को पर्यटन विभाग ने ट्रेक आफ द ईयर घोषित किया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व पर्यटन विभाग सितंबर में आधिकारिक तौर पर विधिवत ट्रेक आफ द ईयर-2024 का शुभारंभ करेंगे। पर्यटन विभाग दो सितंबर से 30 नवंबर तक इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां संचालित कराएगा।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 06 Aug 2024 03:08 PM (IST)
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सिनला पास और सरूताल बुग्याल के विहंगम दृश्य। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण, पुरोला। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से लगी दो महत्वपूर्ण घाटियों को जोड़ने वाले सिनला पास और उत्तरकाशी के सरूताल बुग्याल को पर्यटन विभाग ने ट्रेक आफ द ईयर घोषित किया है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व पर्यटन विभाग सितंबर में आधिकारिक तौर पर विधिवत ट्रेक आफ द ईयर-2024 का शुभारंभ करेंगे। पर्यटन विभाग दो सितंबर से 30 नवंबर तक इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां संचालित कराएगा।

धारचूला तहसील के अंतर्गत आने वाली व्यास और दारमा घाटी को करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सिनला पास आपस में जोड़ता है। बर्फ से लकदक रहने वाले इस क्षेत्र में पार्वती कुंड, गौरी कुंड, आदि कैलास, ऊं पर्वत और पंचाचूली बेस कैंप जैसे खूबसूरत स्थल हैं। व्यास घाटी से दारमा घाटी तक पहुंचने के लिए ट्रेकरों को करीब 35 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ेगी।

इस रूट से ट्रेकर देश के प्रथम गांव विदांग के साथ ही भारत-तिब्बत व्यापार की पुरानी मंडी खिमलिंग को भी देख सकेंगे। एवरेस्ट विजेता शीतल राज सहित कई अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही वर्ष भर बर्फ से ढके रहने वाले इस दर्रे को पार कर चुके हैं।

जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य ने कहा कि सिनला पास में ट्रेकिंग के लिए देशभर से ट्रेकिंग दलों को आमंत्रित किया गया है। वे यहां पक्षियों के अनूठे संसार को भी देख सकेंगे। दायित्वधारी गणेश भंडारी का कहना है कि अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस क्षेत्र में पहुंचने के बाद यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है।

वहीं, उत्तरकाशी जिले में स्थित सरूताल हिमालय का रमणीक ट्रेक है। गोविंद वन्यजीव विहार में 3,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, चोटियों से घिरी बुग्यालों के बीच सरूताल झील है। सरूताल से स्वर्गारोहिणी, बंदरपूंछ, काली चोटी सहित अन्य बर्फीली पर्वत श्रृंखलाओं के दीदार होते हैं। इससे पहले जिले में चाईंशील बुग्याल, हरकीदून, दयारा बुग्याल व देवक्यारा को ट्रेक आफ द ईयर घोषित जा चुका है।

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